द फॉलोअप डेस्क
राजधानी रांची में स्थित रिम्स अस्पताल में मेस संचालकों को लेकर प्रशासन ने सख्ती अपनाने का निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि अब से ब्वॉयज और गर्ल्स हॉस्टल के मेस संचालकों को अपनी पहचान संबंधित दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य जरूरी कागजात डीन व स्टूडेंट वेलफेयर विभाग में जमा करने होंगे। इसके आधार पर ही प्रबंधन उन्हें काम करने की अनुमति पत्र जारी करेगा।
इसके साथ हॉस्टल में काम करने वाले कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन भी कराया जाएगा। इसके बाद ही उन्हें हॉस्टल में तैनात किया जाएगा। इन कर्मचारियों को एक आई कार्ड भी जारी किया जाएगा। यह निर्णय सोमवार को डीन एंड स्टूडेंट वेलफेयर की बैठक में लिया गया था।
गर्ल्स हॉस्टल की सुरक्षा का भी रखा ध्यान
बता दें कि इस दौरान गर्ल्स हॉस्टल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, वहां मेस संचालित करने के लिए सिर्फ महिलाओं को ही नियुक्त करने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए जल्दी ही महिला मेस संचालक की नियुक्ति की जाएगी। यहां काम करने वाले कर्मचारी भी महिला ही होंगे। मालूम हो कि होली के दिन एक कर्मचारी को बिना काम के गर्ल्स हॉस्टल में घूमते हुए पाया गया। इस पर डॉ शिव प्रिये के आदेश पर उसे हटा दिया गया है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उठाए सख्त कदम
वहीं, रिम्स में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी कुछ सख्त कदम उठाए गए हैं। होमगार्ड के जवानों के ड्यूटी के दौरान अनुपस्थित रहने पर रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार ने नाराजगी जताई और एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही भविष्य में अगर यह घटना दोहराई जाती है, तो अनुपस्थित जवानों को हटाया जा सकता है।
छात्राओं को हो रहा असुरक्षा का अहसास
इसी बीच, पीजी गर्ल्स हॉस्टल की सुरक्षा को लेकर भी चिंता व्यक्त की जा रही है। हालांकि इसे ब्वॉयज हॉस्टल संख्या-दो से पीजी गर्ल्स हॉस्टल में तब्दील किया गया है, लेकिन यहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। हॉस्टल की दीवारें और मुख्य द्वार की दीवार ऊंची नहीं हैं, जिससे छात्राओं को असुरक्षा का अहसास हो रहा है। दोनों हॉस्टल की दीवारें आपस में जुड़ी हुई हैं, जिससे कोई भी आसानी से एक से दूसरे हॉस्टल में प्रवेश कर सकता है।