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अरगोड़ा थाने के मुंशी को प्रभारी SSP नौशाद आलम ने किया निलंबित, थाना प्रभारी से मांगा स्पष्टीकरण

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द फॉलोअप डेस्कः
अरगोड़ा थाने की पुलिस पर विनोद कुमार सिन्हा नामक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि उसे थाने के अंदर पीटा गया है। इस बात की जांच करने के बाद आरोपी थाना के मुंशी उपेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया गया है। बता दें मामला मीडिया में आने के बाद डीजीपी अजय कुमार सिंह ने रांची रेंज डीआइजी अनूप बिरथरे को कार्रवाई का निर्देश दिया था। इसके बाद डीआइजी ने रांची के सिटी एसपी शुभांशु जैन को मामले की जांच की जवाबदेही सौंपी। शुक्रवार को सिटी एसपी ने जांच कर देर शाम रिपोर्ट प्रभारी एसएसपी नौशाद आलम को दी। इसके बाद उन्होंने मुंशी उपेंद्र सिंह को निलंबित करने का आदेश दिया। साथ ही अरगोड़ा थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर संजय कुमार से स्पष्टीकरण मांगा। इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी होगी।


क्या है मामला 
दरअसल,गुरुवार की रात अरगोड़ा थाना की पुलिसकर्मियों पर विनोद कुमार सिन्हा नामक युवक ने बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगाया। विनोद ने खुद कहा कि उसने थाने में मौजूद पुलिसकर्मी से चंद सवाल पूछ लिये थे बस उसकी इतनी ही गलती थी। उसके बाद थाना का बत्ती बुझा कर मुंशी के साथ अन्य पुलिसकर्मियों ने उसकी पिटाई कर दी। उसने बताया है कि बत्ती इसलिए बुझायी गयी थी ताकि मारपीट का सीसीटीवी फुटेज वरीय अधिकारियों को नहीं मिले। रिम्स में इलाजरत विनोद ने पूरा घटनाक्रम को मीडिया में बताया कि वह हरमू बाजार में सब्जी खरीद रहा था। इसी बीच बाजार में एक मोबाइल चोर पकड़ाया। आम लोग चोर के साथ मारपीट कर रहे थे। इसी बीच सूचना मिलने पर वहां पुलिस गाड़ी आयी और चोर को अपने साथ थाना ले गयी। 


पुलिस वालों से पूछा था सवाल 
दरअसल विनोद का मोबाइल भी दो महीने पहले चोरी हुआ था। उसे लगा कि उसके मोबाइल की भी कोई जानकारी मिल जायेगी। वह भी थाना पहुंच गया। थाने में कुछ और लोग आ गये थे। विनोद ने बताया कि उन्होंने थाना जाने से पूर्व अपने मित्र गोपी दुबे को सूचना दी थी कि एक चोर पकड़ाया है, वह थाना जा रहा है। उसने गोपी को फोन कर थाना बुलाया था। थाने में विनोद ने सामने बैठे पुलिसकर्मी से पूछा था कि चोर पकड़ाता है, क्या मोबाइल भी मिलता है ? हर दिन आप लोग 10 सनहा लिखते हैं। कभी मोबाइल रिकवर नहीं होता? लगता है कि पुलिस की मिली भगत से यह होता है। इतना सुनते ही  मुंशी ने उसे अंदर बुलाया। विनोद के अंदर पहुंचते ही चेहरे पर घूंसा मारने लगा। लात-जूते से पिटाई शुरू कर दी। वह नीचे गिर गया, इसके बाद भी नहीं छोड़ा। उसके नाक, मुंह से खून गिरने लगा। पूरे फर्श में खून बिखर गया।

इसके बाद हालात देखते हुए दूसरे पुलिसकर्मी फर्श से खून हटाने लगे, पानी से खून को धो दिया गया। पीड़ित ने बताया कि इसी बीच उसका मित्र गोपी पहुंचा। उसे विनोद से मिलने नहीं दिया जा रहा था। उसके मित्र गोपी ने बताया कि थाना प्रभारी ने कहा कि विनोद को मेडिकल कल पहुंचा दिया जायेगा। इस पर गोपी ने विरोध किया, तो थाना प्रभारी संजय कुमार ने कहा कि उसने शराब पी रखी है, उसने अपना माथा पटक दिया है। इसी बीच सूचना के बाद हटिया डीएसपी राजा कुमार मित्रा वहां पहुंचे। उन्होंने तुरन्त युवक को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा। इधर डॉक्टरों ने अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा कि युवक के शराब पीने के कोई सबूत नहीं हैं।

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