रांची:
राजनीति और अपराध के गठजोड़ की कहानी अब नई नहीं रह गई है। चुनाव के समय इसकी बदरंग तस्वीर सामने आती है। अभी यूपी के असेंबली चुनाव के दौरान कई प्रत्याशियों के नामांकन में इसका पता चला। यह खबर झारखंड की है। यहां विधायक और सांसद रहे जनप्रतिनिधियों पर दर्ज सभी आपराधिक मामलों का स्पीडी ट्रायल होगा। इसके लिए रांची, धनबाद, हजारीबाग, दुमका, डालटनगंज और पश्चिमी सिंहभूम में छह स्पेशल कोर्ट बनाए गए हैं। ऐसा झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद होने जा रहा है। गृह विभाग ने इस विषय में आदेश जारी किया है। वहीं पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर सीआईडी को स्पीडी ट्रायल के जरिए सभी कांड के निष्पादन की जिम्मेवारी सौपी गयी है।
विधायक और सांसद रहे लोगों पर कुल 165 केस दर्ज
झारखंड में विधायक और सांसद रहे लोगों पर कुल 165 केस दर्ज हैं। इनपर हत्या, डकैती, जालसाजी, चोरी, दंगा जैसे गंभीर अपराधों में मामले दर्ज हैं। जानकारी के मुताबिक झारखण्ड हाई कोर्ट में प्रतियेक माह जनप्रतिनिधयों पर दर्ज अपराधों पर ताज़ा रिपोर्ट भी दी जानी है। इस स्पीडी ट्रायल के लिए सभी ज़िलों के एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग भी की गयी थी। वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के बाद जारी आदेश में सभी जिलों के एसपी से कहा गया है कि वे प्रत्येक अपराधों में सरकारी या गैरसरकारी गवाहों की उपस्थिति कराएं, ताकि जल्द से जल्द गवाही पूरी हो सके। स्पीडी ट्रायल के लिए प्रत्येक जिले में कोषांग का गठन किया जाएगा। इस कोषांग के प्रभारी जिले के मुख्यालय डीएसपी होंगे, वहीं न्यायालय से संपर्क के लिए प्रत्येक जिले के एक इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने का आदेश दिया गया है। जिला के नोडल पदाधिकारी अपने क्षेत्र के विशेष न्यायालय से संपर्क स्थापित कर गवाहों की उपस्थिति कराएंगे।
सीआईडी मुख्यालय में भी एसपी श्रीकांत को मिली जिम्मेदारी
स्पीडी ट्रायल के लिए जिलों से संपर्क स्थापित करने के लिए सीआईडी एसपी श्रीकांत राव खोत्रे को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि जिलों के मुख्यालय डीएसपी व इंस्पेक्टर अपराधों को लेकर सीआईडी के गठित कोषांग के साथ समन्वय स्थापित रखेंगे। प्रत्येक जिले में ट्रायल के लिए नियुक्त नोडल पदाधिकारी अपने जिला के पीपी (पब्लिक प्रोसिक्यूटर ), एपीपी (एडिशनल पब्लिक प्रोसिक्यूटर ) के साथ विशेष न्यायालय के पीपी से भी संपर्क स्थापित रखेंगे। वहीं स्पीडी ट्रायल के लिए विशेष एपीपी की नियुक्ति भी की जाएगी। राज्य सरकार ने नियुक्ति की कार्रवाई शुरू कर दी है। अनुसंधान के बाद अपराधों में अंतिम प्रपत्र मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में समर्पित किया जाएगा। इसके बाद इसे न्यायालय के द्वारा विशेष न्यायालय में स्पीडी ट्रायल के लिए भेजा जाएगा।