द फॉलोअप डेस्कः
हाल ही में खुलासा हुआ है कि 'कोविशील्ड वैक्सीन' से खून के थक्के जम सकते हैं। ऐसे में अब लोगों के मन में कई तरह के सवाल आ रहे हैं, जिनका जवाब शायद की कोई उन्हें दे पा रहा है। ऐसे में अभिनेता श्रेयस तलपड़े पर रिएक्शन आया है। बीते साल अभिनेता को हार्ट अटैक आया था। अब उन्होंने कहा है कि इसमें कुछ तो सच होगा। एक्टर ने कहा है कि, "मैं धूम्रपान नहीं करता। मैं वास्तव में रोजाना शराब पीने वाला नहीं हूं, मैं शायद महीने में एक बार पीता हूं। तंबाकू नहीं, हां, मेरा कोलेस्ट्रॉल थोड़ा बढ़ा हुआ था, जो मुझे बताया गया था कि इन दिनों सामान्य है मैं इसके लिए दवा ले रहा था और यह काफी हद तक कम हो गया था। अगर सभी कारक - कोई मधुमेह नहीं, कोई रक्तचाप नहीं, तो इसका कारण क्या हो सकता है?
क्या कहा एक्टर ने
इस पर अभिनेता ने कहा है कि, “मैं इस सिद्धांत को नकार नहीं सकता। कोविड-19 टीकाकरण के बाद ही मुझे कुछ थकान और थकावट का अनुभव होने लगा। इसमें कुछ तो सच होगा। हो सकता है ये कोविड की वजह से हुआ हो, या फिर वैक्सीन की वजह से हालांकि मुझे इसके बारे में पूरी तरह से नहीं पता, पर कुछ तो है। सच कहूं तो हमे पता नहीं कि हमने अपने शरीर में क्या डाल लिया है। जो सब कह रहे थे वही हमने किया। बड़ी-बड़ी कंपनियों पर भरोसा किया, क्योंकि हमने पहले ऐसी घटनाओं के बारे में कभी नहीं सुना था। कोरोना के बाद ही लगातार ऐसी खबरें और वीडियो सामने आने लगीं कि लोग खेलते-खेलते गिर रहे थे और इसका कोई सही कारण भी नहीं था। तो ये काफी डरावना है।'
रिसर्च करना चाहते हैं तलपड़े
इतना ही नहीं, श्रेयस तलपड़े ने कहा कि जब से उन्हें अंदेशा हुआ कि हार्ट अटैक का ताल्लुक कोविड वैक्सीन से है, तभी से वो इस बारे में और ज्यादा रिसर्च करने के इच्छुक हो गए हैं। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इसके बारे में वाकई कोई नहीं जानता है कि सभी ने अपनी बॉडी के अंदर क्या डाला है बल्कि सिर्फ कंपनी पर भरोसा जताया है। एक्टर कहते हैं कि वो जानना चाहते हैं कि वैक्सीन ने बॉडी पर कैसे असर किया है?
कोविड वैक्सीन को लेकर डर क्यों?
आपको बता दें कि कोविड वैक्सीन को लेकर लोगों में डर बैठ गया है। दरअसल, बीते दिनों ही कोविशील्ड बनाने वाली ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में खुलासा किया है कि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस की समस्या कोविशील्ड वैक्सीन का साइड इफेक्ट हो सकती है। भारत मे इसका निर्माण पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने किया था। कंपनी ने खुद माना है कि ये प्रभावी हो सकती है। इसके बाद से ही लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर डर बैठ गया है।