दिल्लीः
दिल्ली राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में झारखंड की शिप्रा मिश्रा को सम्मानित किया गया है। झारखंड की राज्यपाल रहीं और वर्तमान में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें सम्मानित किया। दरअसल शिप्रा मिश्रा इसलिए जानी जाती हैं क्योंकि उन्होंने इनोवेटिव, क्रिएटिव तरीके से बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। विज्ञान जैसे कठिन विषय को खेल-खेल में बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। गणित के ज्यामिती को बागवानी व पेड़ों की घेराबंदी कर आसान बना दिया। यूज्ड प्लास्टिक बोतल से बागवानी की चहारदीवारी बना दी। उनकी इस इनोवेटिव आइडिया ने ही उनको इस मुकाम तक पहुंचाया।
50000 रुपए का चेक तथा प्रशस्ति पत्र दिया गया
इस विशेष पुरस्कार को देखने के लिए जमशेदपुर का शिक्षक समुदाय टीवी से चिपके थे। जिला शिक्षा पदाधिकारी निर्मला बरेलिया ने इसे लाइव मोबाइल पर देखा। पुरस्कार के रूप में 50000 रुपए का चेक तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। झारखंड से इस वर्ष यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली एकमात्र शिक्षिका है। झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव राजेश शर्मा ने भी शिप्रा मिश्रा को बधाई दी है। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से पहले विज्ञान शिक्षिका शिप्रा द्वारा किए गए इनोवेशन व स्कूल के शैक्षणिक विकास की संक्षिप्त वीडियो भी दिखाई गई।
सर्वश्रेष्ठ स्कूल बनाने की होगी पहल
शिप्रा मिश्रा ने कहा कि वे टाटा वर्कर्स यूनियन प्लस टू उच्च विद्यालय को झारखंड का आदर्श स्कूल बनाकर ही दम लेंगी। इस स्कूल ने उन्हें इस सम्मान तक पहुंचाया है। इसके लिए वे शिक्षा विभाग, स्कूल के शिक्षक, छात्र, परिजनों एवं मार्गदर्शक का आभार जताया। दरअसल कभी यह स्कूल कभी डब्बा स्कूल के नाम से चर्चित रहा है, जिसे आज शिप्रा मिश्रा ने इस मुकाम तक पहुंचाया है।