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सरयू राय ने बता दिया बिहार में नीतीश-बीजेपी की नई सरकार का फॉर्मूला

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

बिहार में नीतीश कुमार के आरजेडी से अलगाव की अटकलों के बीच झारखंड के वरीय विधायक सरयू राय ने बड़ा बयान दिया है। सरयू राय ने बता दिया है कि बिहार में नई बीजेपी-जेडीयू सरकार का स्वरूप कैसा होगा। सरयू राय का मानना है कि जब यह लगभग सुनिश्चित हो गया है कि नीतीश कुमार, एनडीए में शामिल होने जा रहे हैं तो सरकार गठन का फॉर्मूला कमोबेश वही पुराना वाला ही होगा। सरयू राय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे। इस बार भी 2 उपमुख्यमंत्री हो सकते हैं। 

सरयू राय ने ऑफिशियल ट्विटर पर क्या लिखा
सरयू राय ने ऑफिशियल ट्विटर (एक्स) पर लिखा कि लगता है कि बिहार में नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी की संयुक्त सरकार बनना लगभग सुनिश्चित हो गया है। 2020 में जिस प्रकार की इनकी सरकार का स्वरूप था, कमोबेश वही स्वरूप इस बार की सरकार का भी होगा। बिहार में अब भी 2 उपमुख्यमंत्री होंगे। विधानसभा अध्यक्ष का पद भी बीजेपी को जायेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे। पूर्व मंत्री और कभी बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शुमार सरयू राय के बयान काफी अहम होते हैं। 

 

बिहार में सियासी घमासान के बीच सरयू का बयान
गौरतलब है कि बिहार में सियासी घमासान जारी है। अटकलें हैं कि नीतीश कुमार एकबार फिर आरजेडी से नाता तोड़कर, एनडीए गठबंधन के पाले में जा सकते हैं। पटना में बीजेपी, जेडीयू और आरजेडी की अलग-अलग बैठकें जारी है। दरअसल,पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम ने अटकलों को मजबूती दी है। पहले कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के ऐलान पर नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री का आभार जताया। फिर वहीं मंच पर ही लालू यादव या तेजस्वी यादव का नाम लिये बिना उन्होंने वंशवाद पर प्रहार किया। कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया। हमने उनके आदर्शों को माना और परिवार को आगे नहीं बढ़ाया, लेकिन कुछ लोग अपने परिवार को ही आगे बढ़ाने में लगे रहते हैं। नीतीश के इस बयान के बाद लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सिलसिलेवार ढंग से 3 ट्वीट किये। उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन ट्वीट देख कर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता था कि यह नीतीश के वंशवाद वाले बयान का जवाब है। 

वो घटनाक्रम जिससे बिहार की सियासत में लगी अटकलें
गणतंत्र दिवस को राजकीय समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी के बीच स्पष्ट दूरी दिखी। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच खाली कुर्सी रखी थी। दोनों में बातचीत भी नहीं हुई। इसके बाद शाम को राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री तो पहुंचे लेकिन तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी ने कयासों को और हवा दी। जब नीतीश कुमार से इस बाबत सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जो राजभवन नहीं आये हैं आपको उन्हीं से इसकी वजह पूछनी चाहिए। इस बीच सुशील मोदी सहित कई नेताओं ने कहा कि जेडीयू के लिए रास्ते बंद नहीं हुए हैं बल्कि संभावना है तो उनका स्वागत है।