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1 लाख के इनामी नक्सली संतोष गंझू ने किया आत्मसमर्पण, पुनर्वास नीति से प्रभावित था; मुख्यधारा में जुड़ने की जताई इच्छा

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द फॉलोअप डेस्क, रांची 
झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर उग्रवादी संतोष गंझू ने सरेंडर कर दिया है। संतोष गंझू ने शुक्रवार को रांची एसएसपी कार्यालय में आत्मसमर्पण किया है। संतोष गंझू की तलाश सालों से झारखंड पुलिस को थी। संतोष पर पुलिस ने 1 लाख रुपये का इनाम रखा था।

आत्मसमर्पण निति से प्रभावित होकर किया सरेंडर 
संतोष गंझू उग्रवादी संगठन टीपीसी का सक्रिय सदस्य था। संतोष के खिलाफ ओरमांझी थाना में 2 मामले दर्ज हैं। झारखंड पुलिस लंबे समय से संतोष को तलाश रही थी। रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण निति से प्रभावित होकर संतोष गंझू ने सरेंडर करने की इच्छा जाहिर की थी। 

गरीबी के कारण उग्रवादी संगठन ज्वाइन किया 
पूछताछ में संतोष गंझू ने उग्रवादी संगठन में शामिल होने की पीछे की वजह बतायी। संतोष ने बताया कि उसके पिताजी के नाम से गांव में 3 एकड़ जमीन थी, जिसे उन्होंने बेच दिया था। जिस कारण परिवार को जीवन-यापन करने के लिए कुछ नहीं बचा। घर में ही रहकर मजदूरी कर अपने माता-पिता और पत्नी का भरण-पोषण करता था। 2013 में पड़ोसी गांव सलया ताड़ के रहने वाले टीएसपीसी के सब जोनल कमाण्डर सागर गंझू उर्फ दलाल गंझू उर्फ ललिन्द्र गंझू से मिला। मुलाकात में सब जोनल कमांडर सागर गंझू उर्फ दलाल गंझू उर्फ ललिन्द्र गंझू के द्वारा नौजवानों को संगठन विस्तार एवं दस्ता मजबूत करने हेतू संगठन में जुड़ने के लिए दबाव बना रहे थे। इसी दबाव में आकर मैं सागर गंझू के संगठन में शामिल हो गया।