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सैम पित्रोदा के बयान से जाहिर होता है कांग्रेस की मानसिकता क्या है: प्रतुल शाहदेव 

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रांची 

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज मारू टावर स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा देश को तोड़ने की बात की है। समाज में नफरत के बीज बोने का काम किया है। कांग्रेस की काली करतूतों से देश की जनता पहले ही वाकिफ है। प्रतुल ने कहा कि अब राहुल गांधी के गुरु और उनके राजनीतिक सलाहकार कहे जाने वाले सैम पित्रोदा जो कि वर्षों से कांग्रेस की ओवरसीज सेल के अध्यक्ष भी रहे हैं, ने 140 करोड़ भारतीयों पर नस्लभेदी और रंगभेदी टिप्पणी की है। प्रतुल ने तंज कसते हुए कहा कि पित्रोदा ने कहा है कि दक्षिण भारत के लोग अफ्रीकन जैसे दिखते हैं। नॉर्थ-ईस्ट भारत के लोग चीनी जैसे दिखते हैं। पश्चिमी भारत के लोग अरब के लोग जैसे दिखते हैं और उत्तर भारत के लोग अंग्रेज जैसे दिखते हैं। प्रतुल ने कहा कि ये केवल सैम पित्रोदा का बयान नहीं है बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी की सोच है। 

सैम पित्रोदा का इस्तीफा महज ड्रामा 


प्रतुल ने आरोप लगाया कि सैम पित्रोदा का इस्तीफा महज एक political drama है। क्या कांग्रेस सैम पित्रोदा को पार्टी से बर्खास्त करने की हिम्मत दिखायेगी? अगर नहीं तो ये इस्तीफा बस डैमेज कंट्रोल  के लिए है। सैम पित्रोदा अभी भी कांग्रेस पार्टी में हैं और राहुल गांधी के सलाहकार हैं। प्रतुल ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि क्यों अभी तक राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और सोनिया गांधी ने सैम पित्रोदा के बयान की निंदा नहीं की? प्रतुल ने कहा कि सैम पित्रोदा ने दो महीने पहले ही कहा कि संविधान में बीआर अंबेडकर से ज्यादा पंडित नेहरू का योगदान था। सैम पित्रोदा आरक्षण का भी विरोध करते हैं। कांग्रेस पार्टी भी तो यही करती है। पूरा देश जानता है कि बाबा साहब को चुनावों में हराने के लिए कांग्रेस ने कितनी साजिशें की। कांग्रेस ने तो बाबा साहब को अपने शासनकाल में भारत रत्न भी नहीं दिया। आरक्षण का विरोध कांग्रेस के नेता करते हैं और कांग्रेस इसका आरोप दूसरों पर लगाती है।


भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए सिर्फ आई वॉश

प्रतुल ने कहा कि राज्य सरकार के अवर सचिव द्वारा मंत्रिमंडल निगरानी विभाग के प्रधान सचिव को 15- 11- 2023 को पत्र लिखकर वीरेंद्र राम के ऊपर प्राथमिकी करने के संबंध में पत्राचार किया गया था। ईडी ने राज्य सरकार को इस विषय पर 8 मई ,2023 को ही पत्र लिखकर मुकदमा दर्ज करने को कहा था। प्रेस वार्ता में प्रतुल ने जानना चाहा कि 6 महीने बाद भी मुख्यमंत्री की सहमति मिलने के बाद भी किन परिस्थितियों में मंत्रिमंडल निगरानी विभाग ने प्राथमिकी से संबंधित संचिका को दबा दिया? प्रतुल ने कहा कि मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को स्पष्ट करना चाहिए कि जब पत्र में मुख्यमंत्री की सहमति का जिक्र है तो क्या उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वीरेंद्र राम के दबाव में मौखिक आदेश देकर प्राथमिकी दर्ज करने से रुकवा दिया था। 

 

 

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