रांची
रांची के रिम्स में मैनपॉवर सप्लाई को लेकर जारी टेंडर प्रक्रिया पर झारखंड हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए फाइनेंशियल बिड खोलने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। अदालत ने रिम्स प्रबंधन को निर्देश दिया है कि 10 मार्च तक इस प्रक्रिया में कोई भी अगला कदम न उठाया जाए। मामला 5 सितंबर 2024 को जारी किए गए टेंडर से जुड़ा है, जिसमें 26 सितंबर को संशोधन कर आवेदनकर्ताओं के लिए लेबर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, कॉन्ट्रैक्ट लेबर लाइसेंस और प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी रेगुलेशन एक्ट (सिक्योरिटी मार्शल के लिए) का सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया गया था।
प्रार्थी कंपनी ने टेंडर में भाग लिया, लेकिन उसे टेक्निकल बिड में इस आधार पर अयोग्य ठहरा दिया गया कि उसका प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी रेगुलेशन एक्ट सर्टिफिकेट झारखंड का नहीं है। कंपनी का तर्क है कि यह सर्टिफिकेट केवल सिक्योरिटी सेवाएं देने वालों के लिए जरूरी था, न कि मल्टी-स्टाफ सप्लाई करने वालों के लिए। इस फैसले के खिलाफ सुन फैसिलिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और फाइनेंशियल बिड में शामिल होने की मांग की। कंपनी ने हाई कोर्ट से टेक्निकल बिड में अपनी अयोग्यता को रद्द करने की भी अपील की है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 मार्च को होगी।