द फॉलोअप डेस्कः
आज से मंत्री आलमगीर आलम की रिमांड अवधि शुरू होगी। कोर्ट ने ईडी को 6 दिनों के रिमांड की मंजूरी दी है। जो कि आज से शुरू हो रही है। बता दें कि आलमगीर आलम को 15 मई की शाम लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। 16 मई को उनकी कोर्ट में पेशी हुई जहां से उनको 6 दिनों के रिमांड पर भेज दिया गया। गुरुवार को उन्होंने न्यायिक हिरासत में होटवार जेल में रात काटी। रात को वह काफी बेचैन दिखे। उन्होंने आधी रोटी आधा गिलास दूध पिया। आज से ईडी उनसे पूछताछ करेगी। गौरतलब है कि 6 मई को ईडी ने आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद नौकर के आवास से 32 करोड़ से अधिक कैश बरामद हुए थे।
इन बातों का रिमांड पिटिशन में उल्लेख
ईडी ने ग्रामीण विकास मंत्री को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश करते हुए रिमांड पिटीशन में कहा है कि झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में जारी कमीशनखोरी में मंत्री आलमगीर आलम को 1.5 प्रतिशत हिस्सा मिलता है। मंत्री को सितंबर 2022 में कमीशन में हिस्सेदारी के रूप में तीन करोड़ रुपये मिले थे। यह रकम एक इंजीनियर ने दी थी। जहांगीर के घर से मिले 32.20 करोड़ रुपये की वसूली, मंत्री के लिए संजीव लाल के निर्देश पर की गयी थी।
ईडी ने कोर्ट को बताया कि छापेमारी के दौरान जहांगीर के घर से नोटों के साथ सरकारी दस्तावेज मिले थे। इन सरकारी दस्तावेजों को मंत्री के आप्त सचिव संजीव लाल के पास होना चाहिए था। इससे यह प्रमाणित होता है कि संजीव लाल मंत्री से संबंधित दस्तावेज, नकदी आदि जहांगीर के घर पर रखता था। जहांगीर व संजीव लाल टेंडर मैनेज करने और इंजीनियरों से कमीशन वसूलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। कमीशन के रूप में वसूली गयी राशि का बंटवारा एक निश्चित प्रक्रिया के तहत किया जाता है। कमीशन की राशि वसूलने और बंटवारे को अंजाम देने के लिए बने ग्रुप में विभाग के ऊपर से नीचे तक के अधिकारी शामिल हैं।