द फॉलोअप डेस्कः
ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस पर उनकी बहू और जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा दास साहू ने कहा कि पद से इस्तीफा देने का निर्णय रघुवर दास का व्यक्तिगत निर्णय है। इसकी जानकारी उनको नहीं थी। उन्होंने कहा कि जो कयास लगाए जा रहे हैं कि रघुवर दास राजनीति में वापसी कर सकते है, इससे बीजेपी समर्थक बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनकी राजनीति में वापसी होती है तो ये झारखंड के लिए भी अच्छा होगा, क्योंकि झारखंड की जनता भी उनका बेसब्री से इंतजार कर रही है। साथ ही परिवार के लोग भी उनका इंतजार कर रहे हैं। कहा कि उनकी कमी कही न कही सभी को खल रही है। प्रदेश वापसी या राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की चर्चा पर उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता और आला कमान क्या चाहता है इस पर सारा मामला तय होगा। आला कमान से जो भी निर्देश आएगा उसे हम पालन करेंगे।
आगे उन्होंने कहा कि झारखंड को तीव्र गती से आगे ले जाने वाले रघुवर दास ही हैं। वे एक कद्दावर नेता रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी और जनात की उम्मीदे बढ़ रही है, जो भी निर्णय होगी वे हमे मंजूर है। उन्होंने कहा रघुवर दास के आने से जनता का विश्वास बीजेपी की ओर और बढ़ जाएगा। वहीं रघुवर दास के लिए सीट छोड़ने की बात पर उन्होंने कहा कि मेरे राजनीति में आने से लेकर चुनाव लड़ने का निर्णय आला कमान ने लिया है, उनका जो भी आदेश होगा मैं उसका पालन करूंगी। कहा कि जब तक वे झारखंड के मुख्यमंत्री और विधायक रहे तब तक उन्होंने संगठन को सींचने का काम किया है। बीजेपी के कार्यकर्ता भी उत्साहित है क्योंकि अब उन्हें भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि उनका राजनीति में वापसी झारखंड के लिए अच्छा होगा।
उन्होंने कहा कि बीजेपी हमेशा से मजबूती से खड़ी रही है। बीजेपी को जो जिम्मेदारी मिली है उसे पार्टी ने निभाया है। पार्टी ने हमेशा जनता की अवाज को बुलंद किया है। वहीं मंईयां सम्मान राशि पर उन्होंने कहा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 28 दिसंबर को राशि देने का वादा किया था, अगर राशि आ रही है तो अच्छी बात। अगर महिलाओं के हित के लिए कर रहे है तो सभी महिलाओं के लिए करें। सिर्फ कुछ लोगों को राशि देकर अपने आप को साबित नहीं कर सकते। राज्य सरकार ने जो मंईयां सम्मान योजना निकाला है वो विधवा और वृद्धा के पेंशन को रोक कर निकाला है। पेंशन रोकना बेहद गलत है। उन्होंने कहा कि जनता दरबार में जो भी वृद्धा आती हैं उनका कहना है कि उनका पेंशन रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 450 रुपये गैस सिलेंडर का भी वादा किया था। इसका अब नाम भी नहीं लिया जा रहा है और न ही चर्चा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर इसे लागू करना चाहिए। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर ठोस कानून और नियम बनना चाहिए।