द फॉलोअप डेस्कः
रांची का रिकॉर्ड रूम (अभिलेखागार) अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। मुख्य गेट पर ताला लगा दिया गया है। शुक्रवार को कई लोग जमीन का खतियान निकालने या आवेदन करने के लिए आए थे लेकिन निराश होकर लौट गए। लोगों ने बताया कि 15 दिन पहले ही खतियान के लिए आवेदन किया था लेकिन अब रिकॉर्ड रूम बंद हो गया है ऐसे में जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो पाएगी। दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक रांची की जमीन के सारे खतियान और दस्तावेज जिस रेकॉर्ड रूम में रखे गए हैं, उसकी सुरक्षा में बड़ी लापरवाही बरती जा रही थी। रूम के बाहर न तो सीसीटीवी कैमरा हैं और न कोई रात्रि सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे।
सीसीटीवी बंद था
मामले में रिकॉर्ड रूम के इंचार्ज सह उप समाहर्ता स्मृति कुमारी के द्वारा रांची के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज करवाया गया है। कोतवाली थाना प्रभारी रंजीत सिन्हा ने बताया कि रिकार्ड रूम में चोरी का मामला संज्ञान में आया है। आवेदन प्राप्त हुआ है जिसपर एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। स्मृति कुमारी के द्वारा थाने में दिए आवेदन में जमीन के दस्तावेज चोरी करने को लेकर कोई बात नहीं लिखी गई है। आवेदन में यह लिखा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि किसी के द्वारा जमीन के दस्तावेज में बदलाव और छेड़छाड़ किया गया है। आवेदन में पुलिस को यह भी बताया गया है कि बुधवार शाम 5 बजे से लेकर सुबह 10 बजे तक रिकॉर्ड रूम का सीसीटीवी भी बंद था।
रिकॉर्ड गायब होने का नहीं मिला कोई सुराग
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है। जांच पदाधिकारी ने रेकॉर्ड रूम के कर्मचारियों और आसपास जमा रहने वालों से भी पूछताछ की। जिस खिड़की के ग्रिल को तोड़कर चोर रेकॉर्ड रूम के अंदर घुसे थे, उसके दरवाजे को भी बंद कर दिया गया है। अंदर फैले दस्तावेजों की भी जांच की गई, लेकिन देर शाम तक किसी भी रेकॉर्ड के गायब होने का सुराग नहीं मिला। वहां के कर्मचारियों ने भी अब तक किसी अलमारी से कोई फाइल गायब होने की शिकायत नहीं की है। लेकिन इस घटना ने रांची जिला प्रशासन की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।