रांची
उपायुक्त रांची, मंजूनाथ भजंत्री ने 18 जून 2025 को समाहरणालय स्थित ब्लॉक-ए सभागार में PM-ABHIM, MPLADS, BPHU, IPHL, DMFT और Untied Fund के अंतर्गत संचालित योजनाओं की प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में प्रभारी उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, डीआरडीए निदेशक, विकास शाखा प्रभारी, जिला योजना पदाधिकारी, जिला अभियंता, कार्यपालक अभियंता (ग्रामीण विकास, लघु सिंचाई, NREP-1) समेत DMFT PMU के सदस्य उपस्थित थे।
योजनाओं की स्थिति और डीसी की सख्ती
PM-ABHIM के तहत स्वीकृत 78 योजनाओं में से जिला परिषद को आवंटित 33 योजनाओं में 14 पूर्ण, जबकि 19 प्रगति पर हैं। MPLADS के अंतर्गत रॉयल्टी कटौती राशि जमा न होने के कारण खातों को बंद नहीं किया जा सका, जिस पर डीसी ने कड़ी नाराजगी जताई और 31 मार्च 2024 से पहले सभी खातों को बंद करने का निर्देश दिया। डीसी ने स्पष्ट किया कि सभी लंबित योजनाओं को प्राक्कलन के अनुसार समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए और गुणवत्ता से कोई समझौता न हो। पूर्ण योजनाओं का भुगतान अंतिम सत्यापन के बाद ही किया जाए।
DMFT और Untied Fund की समीक्षा
वित्तीय वर्षों 2021-22, 2023-24 और 2024-25 की DMFT योजनाओं की समीक्षा में बुढ़मू प्रखंड की दो योजनाओं की निविदा प्रक्रिया लंबित रहने पर डीसी ने नाराज़गी जताई और निविदा रद्द कर अन्य एजेंसी को कार्य सौंपने के निर्देश दिए। Untied Fund के अंतर्गत 2024-25 में पारित 155 योजनाओं को लेकर निर्देश दिए गए कि सभी अपूर्ण योजनाएं शीघ्र पूर्ण हों और क्रियान्वयन हेतु सभी कार्यकारी एजेंसियों को आवश्यक आदेश निर्गत किए जाएं।
अभियंताओं को कड़ी चेतावनी
बैठक के दौरान कार्यपालक अभियंता NREP-1 सागर प्रताप के मोबाइल बंद रहने पर उपायुक्त ने सार्वजनिक रूप से कड़ी फटकार लगाई। साथ ही, MPLADS अंतर्गत सांसद निधि खातों को समय पर बंद नहीं करने के लिए सभी कार्यपालक अभियंताओं को शोकॉज नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया।
डीसी ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि 108 टोल फ्री एम्बुलेंस—जो MP, MLA फंड और NGO से प्राप्त हुए हैं—उन्हें सदर अस्पताल और प्रखंड अस्पतालों से टैग किया जाए, जिससे आपात सेवा में तत्परता लाई जा सके।
कार्यों में अनियमितता पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
डीसी भजंत्री ने कहा कि किसी भी योजना में अनियमितता की स्थिति में सीधी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिले में चल रही सभी योजनाओं की गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। योजना पूरी होने के बाद ही उसका भुगतान हो और वह भी पूर्ण जाँच के बाद।