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CM हेमंत के सलाहकार को समन पर बोलीं राज्यसभा सांसद महुआ माजी- BJP में शामिल होने वालों से मिलने नहीं आती ED

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

झारखंड में हुए 1250 करोड़ रुपये के अवैध खनन केस में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू और साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव सहित 4 लोगों को ईडी द्वारा भेजे गए समन को झारखंड मुक्ति मोर्चा की राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने चुनावी स्टंट बताया है। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में महुआ माजी ने कहा कि जब भी चुनाव आता है, ईडी विपक्ष दलों के लोकप्रिय नेताओं, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों से मिलने आती है। महुआ माजी ने समन पर कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि यह न केवल झारखंड बल्कि अन्य राज्यों में भी हो रहा है। महुआ माजी ने कहा कि जब एक बार कोई नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाता है, फिर ईडी उनसे मिलने नहीं आती। उन्होंने इसे बीजेपी का किया धरा बताया। 

 

अभिषेक प्रसाद पिंटू को 16 जनवरी को किया तलब
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू को समन कर 16 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है। एजेंसी ने 11 जनवरी को साहिबगंज उपायुक्त रामनिवास यादव और 15 जनवरी को विनोद सिंह को तलब किया है। इससे पहले ईडी ने कटोरिया (बिहार) के पूर्व विधायक राजकिशोर प्रसाद उर्फ पप्पू यादव को भी समन किया है। बता दें कि 3 जनवरी को ईडी ने झारखंड, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और बिहार के कुल 12 ठिकानों पर छापा मारा था। छापेमारी के बाद आधिकारिक जानकारी देते हुए ईडी ने बताया था कि उन्होंने साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव के कैंप कार्यालय से 7.25 लाख रुपये नगद और गोलियां जब्त की थी। वहीं विनोद सिंह के आवास से 30 लाख रुपये की नगदी बरामद की। अभिषेक प्रसाद पिंटू के आवास से डिजिटल उपकरण सहित निवेश संबंधी दस्तावेज जब्त किया है। ईडी ने बताया कि छापेमारी में कुल 36.99 लाख रुपये नगदी बरामद की गई है।

मुख्यमंत्री कार्रवाई पर केंद्र पर बोलते रहे हैं हमला
बता दें कि ईडी की कार्रवाई को विपक्ष की साजिश बताने का यह पहला मामला नहीं है। कांग्रेस सहित अन्य दल लगातार केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों मसलन ईडी, सीबीआई और आईटी के जरिए धमकाने-दबाने का आरोप लगाती है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरन कई बार सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं कि उनकी सरकार को अस्थिर करने और उन्हें जन-कल्याणकारी कार्यों से रोकने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री आरोप लगाते रहे हैं कि सभी गैर-बीजेपी शासित राज्यों में सरकारों को परेशान किया जा रहा है।