रांचीः
आज बीजेपी के प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर जमकर भड़के। उन्होंने हेमंत सोरेन को बयानवीर कहा। साथ ही मार्च में हुए बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा 1932 के खतियान पर दिये गये उस बयान को भी सुनाया जिसमें सीएम ने कहा था कि आप किसी भी कानून के जानकार से पूछ लीजिए 1932 के खतियान पर नियोजन नीति बनाई ही नहीं जा सकती। रघुवर दास ने कहा कि 1932 के खतियान आधार पर स्थानीयता की बात करना सही नहीं हैं। उन्होंने उच्च न्यायालय के केस में आये 27.11.2002 के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि स्थानीयता को परिभाषित करने के लिए विस्तार से बात कही गई है।
जनता को उलझा रही सरकार
पीसी में रघुवर दास ने कहा कि हमारी सरकार ने स्थानीय नीति को नियोजन नीति से जोड़कर बनाया। जिसका यहां के युवाओं को लाभ मिला। लेकिन अभी जो 1932 की बात हो रही है उसे मुख्यमंत्री भी जानते हैं कि यह लागू नहीं हो पायेगा क्योंकि यह विधिसम्मत नहीं है। मुख्यमंत्री ने केवल जनता को छलने के लिए 1932 के प्रस्ताव को हरी झंडी दी है। स्थानीय नीति के मुद्दे पर लोगों को उलझाने का आरोप भी रघुवर दास ने लगाया और कहा कि यह सरकार यहां के लोगों को धोखा दे रही है। आरक्षण के मुद्दे पर भी सरकार लोगों को झांसा दिया जा रहा है।
मानक सार्वजनिक करे सरकार
पूर्व सीएम ने कहा कि आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने के लिए कौन कौन सा मानक रखा गया है। उसे सार्वजनिक करे सरकार। यह निर्णय केवल राजनीतिक स्वार्थ के तहत लिया गया है। देश और राज्य नियम कानून से चलता है ना कि राजशाही तौर तरीके से। उन्होंने कहा कि पांच लाख प्रत्येक वर्ष नौकरी देने का वादा पूरा नहीं होने से बेरोजगार युवकों में निराशा है। खुद के नाम पर खदान लेकर झारखंड को बदनाम करने का काम भी हेमंत सोरेन ने किया है। साहिबगंज में जिस तरह से अवैध खनन हुआ है उससे साफ है कि राज्य के अन्य जिलों में भी ऐसा हुआ है। जिससे 20 हजार करोड़ की लूट हुई है।