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जामताड़ा : आर्मी के जवानों के भोजन का हवाला देकर होटल संचालक से ठगी, साइबर अपराधियों ने उड़ाए 1 लाख रुपये 

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द फॉलोअप डेस्क

कभी बैंक अधिकारी बनकर तो कभी बिजली विभाग के पदाधिकारी बनकर तो कभी ई वॉलेट कंपनी के रिप्रेजेंटेटिव तो कभी ई-कॉमर्स कंपनी के प्रतिनिधि बनकर साइबर अपराधी ठगी की घटना को अंजाम देते रहते हैं। लेकिन, अब तो इन लोगों ने हद कर दी इस बार आर्मी के हवाला देकर साइबर अपराधियों ने 1 लाख रुपये की साइबर ठगी की घटना को अंजाम दिया है। साइबर अपराधियों ने एक होटल संचालक को अपना शिकार बनाया और आर्मी का हवाला देते हुए 25 जवानों के भोजन बनाने का ऑर्डर दिया और भुगतान का समय आया तो क्यूआर कोड भेज कर उसके अकाउंट से 5 बार में लगभग 1 लाख की ठगी कर ली। इस संदर्भ में पीड़ित ने साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई और जामताड़ा साइबर थाना को आकर इसकी सूचना दी है घटना बीते 8 अप्रैल की है।

25 जवानों का खाना सप्लाई करने का दिया गया आर्डर

चितरंजन स्टेशन के सामने मिहिजाम थाना क्षेत्र स्थित साई होटल का संचालक निकेश साहू को साइबर अपराधियों ने निशाना बनाया। होटल संचालक निकेश साहू के पास बीते 8 अप्रैल को एक फोन कॉल आया है। जिसमें उसे आर्मी अधिकारी बनकर 25 जवानों का खाना सप्लाई करने का आर्डर दिया गया। लेकिन, निकेश उस समय बीमार होने की वजह से अस्पताल में भर्ती था उसने तत्काल अपने पिता को फोन किया और ऑर्डर की सूचना दी। जिसके बाद पिता के कहने पर निकेश ऑर्डर एक्सेप्ट कर लिया। इस दौरान लगभग 2:30 बजे खाने की डिलीवरी का समय तय हुआ। जब 2:30 बजे आर्मी का कोई भी प्रतिनिधि खाना लेने होटल नहीं पहुंचा तो निकेश ने उसी नंबर पर कॉल करके उसे खाना ले जाने को कहा। उधर से फोन पर बताया गया कि सभी खाना को एक जगह रख कर उसकी फोटो सेंड कर दें ताकि उसके आधार पर गेटपास बनवाया जा सके, तभी थाने की इंट्री कैंपस के अंदर होगी। इस दौरान निकेश ने भुगतान करने की बात कही तो उसने एक युवक को भेजे जाने की बात कही। इसी क्रम में  उस व्यक्ति ने होटल संचालक से कहा कि इसकी व कोड को स्कैन कर लो भारत सरकार के खाते से तुम्हारे खाते में राशि ट्रांसफर हो जाएगी। पीड़ित व्यक्ति ने उसकी बारकोड को स्कैन किया और अपना यूपीआई का एक बार इस्तेमाल किया। यूपीआई का इस्तेमाल करना था कि उसके खाते से लगातार पांच बार में लगभग 1 लाख की अवैध निकासी होगा।

थाना में शिकायत कराया दर्ज

इस दौरान पीड़ित होटल संचालक निकेश को इस बात का एहसास हुआ कि वह फाइबर ठगी का शिकार हो गया है। जिसके बाद वह फौरन अपना मोबाइल को स्विच ऑफ कर दिया। निकेश ने बताया कि उसका भाई जिस ब्रांच का प्रबंधक है उसी ब्रांच में उसका बैंक खाता था। जिसके बाद उसने तत्काल उसने अपने भाई को फोन कर मामले की जानकारी दी। इसके बाद उसके भाई ने उसके खाते को ब्लॉक कर दिया। इसके बाद पीड़ित ने मामले को लेकर  साइबर क्राइम पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करवाई। पोर्टल के माध्यम से पीड़ित को बताया गया कि उसके राशि को होल्ड कर दिया गया है और उसके बाद वहां के निर्देश पर उसने लोकल थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवानी चाहिए। लेकिन, लोकल थाने ने उसे साइबर थाना भेज दिया। तबीयत खराब होने के कारण गुरुवार को हो जामताड़ा साइबर थाना पहुंचा और अपनी लिखित शिकायत थाना प्रभारी को दिया। इस संदर्भ में थाना प्रभारी ने भी उसे आश्वासन दिया कि जब राशि होल्ड पर है तो संभावना है कि उक्त राशि उनके खाते में वापस हो वही, साइबर पुलिस पोर्टल पर दी गई एक्नॉलेजमेंट नंबर के आधार पर छानबीन शुरू कर दी है।

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