द फॉलोअप डेस्कः
देश की सड़कों में 35 करोड़ से ज्यादा वाहन चलते हैं। 1981 में 54 लाख गाड़ियां ही थीं। इसकी बड़ी वजह है कमजोर पब्लिक ट्रांसपोर्ट। इसीलिए निजी वाहन बढ़े हैं। दैनिक भास्कर अखबार में इस बाबत एक रिपोर्ट छपी है। जिसमें कहा गया है कि वर्तमान में देश में 22 लाख बसें चल रही है। जिनमें 2.8 लाख राज्य परिवहन के तौर पर हैं। चीन में प्रति एक हजार लोगों पर 6 बसें हैं, जबकि भारत में प्रति 10 हजार लोगों पर 4 बसें हैं। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की स्टडी कहती है कि सड़क पर चलने वाली गाड़ियों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की हिस्सेदारी 2030 तक 44.7% पर सिमट सकती है, जो 2000 में 75.5% थी। वहीं, निजी गाड़ियों की हिस्सेदारी 50% से ऊपर पहुंचने का अनुमान है।
एक्शन एड यूके की रिपोर्ट के मुताबिक
दैनिक भास्कर में छपी खबर को आप यहां हुबहू पढ़िए। एक्शन एड यूके की रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया है कि बड़े शहरों में 79% महिलाएं सड़कों पर उत्पीड़न का शिकार होती हैं। सार्वजनिक गाड़ियों में महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं। वाहनों की कमी है। धीमी गति; ट्रैफिक इंडेक्स रैंकिंग 2022 के मुताबिक, बेंगलुरु सबसे धीमे ट्रैफिक में दुनिया में दूसरे नंबर पर है। ड्राइवर पीक ऑवर ट्रैफिक में सालाना औसतन 260 घंटे यानी 11 दिन बिताते हैं। टॉप-10 शहरों में पुणे 7वें पर हैं। यहां प्रति 10 किमी में 27 मिनट 20 सेकंड लगते हैं।
60% लोग बस का इस्तेमाल करते हैं।
इप्सोस के ग्लोबल एडवाइजर साइकिलिंग अक्रॉस द वर्ल्ड सर्वे- 2022 के मुताबिक, 67% भारतीय साइकिल से चलते हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा। शहरों में 21% लोगों ने कहा कि 2 किमी तक की दूरी साइकिल से तय करते हैं। एनएसएसओ रिपोर्ट के अनुसार, देश में 60% लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में बस का इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद ऑटो रिक्शा, टैक्सी, ट्रेन और साइकिल रिक्शा आते हैं। ग्रामीण अपने कुल ट्रांसपोर्ट खर्च का 4.4% और शहरी लोग 13% हिस्सा रेल किराये पर खर्च करते हैं। • देश में एसी ट्रेनों का किराया औसतन 2 रु. प्रति किमी और एसी बसों का 3 से 4 रु. तक होता है। .
किस वाहन में कौन कितना कर रहा खर्च
1.शहरों में दफ्तर के लिए 5 किमी से ज्यादा ट्रैवल करने वाले लोग किराये पर हर माह औसतन 600 रु. खर्च करते हैं। दोपहिया वाहन से सफर में प्रति किमी औसतन 1-1.5 रु. खर्च करते हैं, जो बस के मुकाबले तीन गुना व मेट्रो से 6 गुना तक सस्ता पड़ता है।
2. केरल का ट्रांसपोर्ट सिस्टम देश में सबसे बेहतर है। पिछले साल केंद्र ने सबसे अच्छी सार्वजनिक परिवहन सेवा के लिए अवार्ड भी दिया था। केरल में 'ग्राम वंदी' योजना के तहत सुबह 7 से शाम 7 तक कुल 66 बसें चलती हैं। इनमें रोजाना करीब 34 हजार लोग सफर करते हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, केरल में 31.3% और तमिलनाडु में 25.5% लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट से ऑफिस जाते हैं। जबकि, दिल्ली में यह आंकड़ा 24.7%, चेन्नई में 22.4% व कोलकाता में 25.5% है।
3. मुंबई में देश में सबसे ज्यादा 41.2% लोग सार्वजनिक परिवहन से आते-जाते हैं, जिसमें 24.8% ट्रेन और 16.4% बस इस्तेमाल करते हैं। दिल्ली मेट्रो बेहतर है, पर दुनिया में हनोई के बाद दूसरी सबसे महंगी । कम आय वाले की 22% मासिक कमाई मेट्रो किराए में जाती है।