रांची
झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने राज्य सरकार पर उच्च न्यायिक संस्था की सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट जैसी संवैधानिक संस्था की सुरक्षा में लापरवाही बेहद गंभीर विषय है। मंगलवार को भाजपा कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने यह बात कही।
प्रतुल ने दावा किया कि यह मामला सिर्फ तकनीकी खामी भर नहीं, बल्कि न्यायपालिका की गरिमा और सुरक्षा पर प्रत्यक्ष प्रहार है। उन्होंने कहा कि जून 2024 में पुलिस स्पेशल ब्रांच की एक हाई पावर कमेटी, जिसकी अध्यक्षता डीआईजी स्पेशल ब्रांच कर रहे थे, ने हाईकोर्ट की सुरक्षा का ऑडिट किया था। इस रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
मानकों पर खरे नहीं उपकरण, टेंडर प्रक्रिया का नहीं हुआ पालन
रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट परिसर की सुरक्षा के लिए खरीदे गए अंडर व्हीकल सर्च मिरर, डीप सर्च माइन डिटेक्टर और एक्सप्लोसिव वेपर डिटेक्टर जैसे उपकरण सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे। भाजपा प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि इन उपकरणों की खरीद में टेंडर प्रक्रिया को दरकिनार किया गया और जांच में कई उपकरण अनुपयोगी पाए गए।
राज्य सरकार की जवाबदेही तय हो: भाजपा
शाहदेव ने कहा कि इन खामियों के बावजूद अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस सुधार नहीं किया गया है, जो दर्शाता है कि राज्य सरकार हाईकोर्ट की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए दोषी अधिकारियों और एजेंसियों पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता बताई। उन्होंने दोहराया कि यह सिर्फ उपकरणों की असफलता नहीं, बल्कि राज्य की न्याय व्यवस्था की प्रतिष्ठा और सुरक्षा पर हमला है, जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी हेमंत सोरेन सरकार की बनती है।