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कुर्सी बचाने में लगे हैं नीतीश कुमार, ऐसे में अधिकारियों की क्या गलती है- प्रशांत किशोर

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द फॉलोअप डेस्क, बिहार:

जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार में शिक्षक भर्ती पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने दावा किया है कि बिहार में हाल में जितने शिक्षकों की बहाली हुई है उनमें केवल 1.57 फीसदी ही स्थानीय युवा हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्य सचिव से लेकर चपरासी तक में 2 फीसदी से भी कम लोग सरकारी नौकरियों में हैं। उन्होंने कहा कि सिस्टम केवल 2 फीसदी सरकारी नौकरी वालों की वजह से नहीं है। प्रशांत किशोर ने कहा कि जनप्रतिनिधि ही लोकतंत्र में असली मालिक है। वही अधिकारियों की तैनाती करते हैं। वही तय करते हैं कि अधिकारी कैसा काम करेगा।

 

2005 से 10 तक बिहार में हुआ था सुधार
मीडिया से मुखातिब प्रशांत किशोर ने कहा कि 2005-2010 के बीच इसी नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के कई सेक्टर में सुधार दिखा। व्यवस्था यही थी। अधिकारी भी यही थे। उन्होंने कहा कि अब वह सुधार नहीं दिख रहा है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अब नीतीश कुमार की प्राथमिकताएं बदल गई है। पहले बिहार को सुधारने में लगे थे और कुर्सी बचाने में लगे हैं। ऐसे में अधिकारी क्या करेंगे? 

नीतीश-तेजस्वी पर हमलावर प्रशांत किशोर
गौरतलब है कि जन सुराज पदयात्रा पर निकले प्रशांत किशोर लगातार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर सवाल उठाते हैं। उनकी कार्यशैली की आलोचना करते हैं। वह कई बार तेजस्वी यादव की शैक्षणिक डिग्रियों पर भी सवाल करते हैं। वह जनता पर भी तंज करते हैं और उन्हें जाति, धर्म और क्षेत्र की भावना से ऊपर उठकर वोट करने की अपील करते हैं। 


 

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