द फॉलोअप डेस्कः
रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में जिला प्रशासन और राज्य पुलिस की टीम ने अचानक ही बुधवार की सुबह छापेमारी की है। छापेमारी करीब साढ़े 3 घंटे तक चली। इस दौरान जेल में बंद हर कुख्यात अपराधियों के सेल को खंगाला गया। छापेमारी में खैनी, छूरी जैसी चीजों को छोड़कर पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा। दरअसल जेल के अंदर से ही आधा दर्जन से अधिक बड़े अपराधी अपने गैंग का संचालन कर रहे हैं। जेल के अंदर से ही बाहर लोगों को फोन करते हैं और रंगदारी के लिए धमकाते हैं। पुलिस की टीम छापेमारी करती है तो उन्हें कोई फोन नहीं मिलता है। पुलिस के आने की सूचना जेल में पहले ही मिल जाती है। जिसके बाद सभी मोबाइल फोन को छुपा दिया जाता है। जेल के अंदर छापेमारी के लिए जाने का है का प्रोसेस इतना जटिल है कि इतने समय में सबको मालूम हो जाता है कि पुलिस छापेमारी के लिए आने वाली है। नतीजा है कि पुलिस के अलावा कुछ नहीं मिलता।
300 से ज्यादा बल लगाए गये थे
आज की छापेमारी में पुलिस ने खैनी, चाकू, ब्लैड, नेल कटर बरामद किए हैं। सिटी एसपी और एसडीएम के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन की टीम सुबह 3:00 बजे होटवार जेल पहुंची थी। सुबह के ठीक 6:30 बजे टीम छापेमारी कर बाहर निकल आए। छापेमारी में शहर के चार डीएसपी, 10 थानेदार व 300 से ज्यादा बल शामिल थे। जेल के अंदर पुलिस के द्वारा वैसे सभी कुख्यात अपराधियों के सेल को खंगाला गया जो जेल के अंदर ही अपने गैंग को नियंत्रित कर रहे हैं। इस दौरान चंदन सुनार, लवकुश शर्मा जैसे अपराधियों के सेल को ज्यादा ध्यान से खंगाला गया। लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा। छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में महिला पुलिसकर्मियों को भी लगाया गया था। महिला कैदियों के वार्ड की महिला पुलिसकर्मियों ने तलाशी ली।
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