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अजय रवानी को पुलिस ने भेजा जेल, अमन सिंह के शूटरों को अपने घर में दी थी पनाह 

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द फॉलोअप डेस्कः 
धनबाद में फिर बड़ा खूनी खेल होने वाला था लेकिन समय रहते यह टल गया है। धैया के हर्ष सिंह का ड्राइवर अजय रवानी को केंदुआडीह पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उसने पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि अमन सिंह के दो शूटरों को बोकारो से लेकर आया था। फिर अपने घर व ससुराल में रहने की जगह दी थी। उसने यह भी बताया कि लोयाबाद के मोलू सिंह, प्रवीण उर्फ लेदु, विजय सिंह और सागर नोनिया से उसकी जान पहचान है। बता दें कि मोलू फिलहाल हजारीबाग जेल में बंद है। वह मोलू से मिलने जेल जाता था। मोलू के जरिए उसकी पहचान हजारीबाग जेल में बंद शूटर अमन सिंह से हुई थी। मोलू से व्हाट्सएप कॉल पर उसकी बातचीत होती थी। अमन से उसके दोस्त विजय सिंह से भी व्हाट्सएप पर बातचीत करता था। विजय ने अमन से व्हाट्सएप कॉल पर उसकी बातचीत भी करवाई थी। अमन, विजय से अक्सर बातचीत करता था। उसने विजय से कहा था कि केंदुआडीह पुल के पास रहने वाले आउटसोर्सिंग लाइजनर राजेश यादव रंगदारी नहीं दे रहा है। इसलिए उसको मारना है।


राजेश यादव को मारने की बनी थी साजिश
विजय ने 10 फरवरी को अजय को यह बताया कि बोकारो बस स्टैंड जाओ वहां दो लड़के मिलेंगे। उसे लाकर अपने घर में रखो। विजय की बाइक से वह बोकारो गया और दोनों को अपने घर लाकर ठहराया। अजय के घर में राजेश यादव की हत्या की योजना बनी। विजय और प्रवीण उसके घर आए तो उसे पता चला कि दोनों अमन सिंह के शूटर है। विजय और प्रवीण दोनों शूटरों को लेकर चले गए। दिन भर साथ में रहे रात में फिर लौटे तो दोनों लड़कों को अजय रवानी ने अपने ससुराल में रखा। 12 फरवरी की रात प्रवीण उसके घर आए। वहीं शूटरों के साथ मिलकर साजिश रची गई। 13 फरवरी को राजेश यादव को मारने का प्लान बना। उसी दिन 11:00 बजे दोनों शूटर विजय और प्रवीण के साथ चले गए। अगले दिन विजय ने उसे बताया कि शूटरों ने राजेश पर गोली चलाई लेकिन वह बच गया। जब शूटर गोली चला रहे थे तो बाइक प्रवीण चला रहा था। गोलीबारी के बाद प्रवीण ने हीं दोनों को बोकारो ले जाकर छोड़ दिया। कुछ दिन बाद उसे पता चला कि सागर पकड़ा गया। इसके बाद विजय अपनी बाइक देकर बाहर भाग गया। जोगता में बाइक चेकिंग के दौरान पकड़ा गया। 


नहीं मिला कुछ खास 
अजय रवानी मे पूछताछ में कहा कि वह 5-6 साल से हर्ष सिंह की गाड़ी चला रहा था। कभी-कभी झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह का भी गाड़ी चलाता था। उसने किसी भी नेता की रेकी की बात नहीं कबूली। ना ही किसी नेता के कार्यक्रम के वीडियो किसी को भेजने की बात स्वीकारी। उसके मोबाइल कॉल डिटेल में भी पुलिस को कुछ खास नहीं मिला। उसकी मोबाइल गैलरी में सिर्फ एक स्क्रीनशॉट मिला है। बताया जा रहा है कि यह स्क्रीनशॉट अमन सिंह के व्हाट्सएप कॉल के दौरान का है। पुलिस अजय के साथ विजय और प्रवीण के अलावा दोनों शूटरों को ढूंढ रही है। 

वाट्सएप चैट में मिले है कुछ सबूत 
पुलिस का दावा है कि होली के दौरान ही खूनी खेल की घटना को अंजाम देने का प्लान बना था। लेकिन पुलिस की कार्रवाई से यह फेल हो गई। दरअसल पुलिस को जांच के दौरान कुछ चैट, वीडियो भी मिला है। बता दें कि पिछले माह केंदुआ क्षेत्र में एक आउटसोर्सिग कंपनी के संचालक पर जानलेवा हमला हुआ था। इस सिलसिले में पुलिस ने अजय खानी से पूछताछ की थी। तब उसने कहा था कि वह विधायक के रिश्तेदार की गाड़ी चला रहा है। जबकि वह पूर्णिमा नीरज सिंह का वाहन उस समय चलाया करत था। पता चला कि वह विधायक के कार्यक्रम का वीडियो बना कर अमन सिंह के गुर्गों को भेजता था। वह उनसे लगातार संपर्क में था। हालांकि चैट डिलीट थे लेकिन साइबर सेल की मदद से सब रिकवर कर लिया गया। अजय रवानी से जो जानकारी मिली है उसके आधार पर प्रिंस खान व अमन सिंह से जुड़े लोगों की सूची बनाई जा रही है। पुलिस ने सिंदरी, निचितपुर द कतरास के कुछ इलाकों में कई संदिग्धों के यहां पूछताछ की है। एक अन्य को भी हिरासत में लिया गया है। यह व्यक्ति प्रिंस खान के लिए वसूली करता है। पुलिस का दावा है कि इस बार विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, एक आउटसोर्सिंग कंपनी के मालिक और एक कोयला कारोबारी अपराधियों के निशाने पर थे।