रांची
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि झारखंड को चाहने वाले और जल, जंगल, जमीन की बात करनेवाले उन सभी लोगों को सामने आने की जरूरत है जो राज्य को जमीन लूट और इसके कारण पैदा होनेवाले विस्थापन और पलायन जैसी विकट समस्याओं से निजात दिलाना चाहते हैं। तिर्की ने कहा कि न केवल आदिवासियों और मूलवासियों बल्कि झारखंड में रहनेवाले प्रत्येक व्यक्ति के साथ यह मामला गहराई से जुड़ा हुआ बहुत गंभीर मुद्दा है। यदि जमीन लूट इसी प्रकार से चलती रही तो वह दिन दूर नहीं जब झारखंड अपनी पहचान को हमेशा के लिये खो देगा।
तिर्की ने सोमवार को सिमलिया, दिउसुध, बजरा, तिलता, कमड़े, फुटकल टोली, पंडरा आदि मौजा का गहन दौरा कर वहां के रैयतों के अलावा सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं, ग्रामीणों के साथ ही समाज के अगुआ लोगों से बातचीत की और जमीनी स्थिति की जानकारी ली। तिर्की ने कहा कि उन तत्वों पर अंकुश लगाना बहुत ज्यादा जरूरी है जो जमीन के अवैध धंधे में संलिप्त हैं। सीएनटी एक्ट जैसे कानून की धज्जियाँ उड़ाकर न केवल गैरमजरुआ बल्कि आदिवासियों के सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक महत्व की भूमि की भी बेरोकटोक खरीद-बिक्री कर रहे हैं।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि जमीन को लूट से बचाने के लिये एक प्रभावी चरणबद्ध आंदोलन की जरूरत है और वह आंदोलन आर-पार वाली होगी। तिर्की ने कहा कि अपनी मांगों पर जोर डालने के लिये अगले 28 अगस्त को मोरहाबादी मैदान में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष बापू वाटिका में धरना दिया जायेगा। इसमें समान विचारधारा के साथ ही आदिवासी जमीन को लूट से बचानेवाले उन सभी तत्वों के सामने आने की जरूरत है ताकि जमीन लुटेरों के बीच भी यह संदेश जाये कि ज़मीन लूट और झारखण्ड के साथ विश्वासघात का उनका खेल अब ज्यादा समय तक चलने वाला नहीं है।
मौके पर ये रहे उपस्थित
संजय तिर्की, मुखिया प्रतिनिधि, सुनील तिर्की पूर्व मुखिया ,संजय तिर्की पूर्व मुखिया, शिवा कच्छप अध्यक्ष केंद्रीय सरना संघर्ष समिति, समाजसेवी अलबिन लकड़ा, सुका उरांव, सुनील टोप्पो पूर्व पार्षद, राजेश लिंडा,मुन्तजीर खान, लालु खलखो ग्राम प्रधान, सिद्धांत तिर्की, मदरा पहान, पीटर कच्छप, जूवेल कुजुर, सुनील गाड़ी, शिव उरांव, मुख्य रूप से उपस्थित थे।