अमन मिश्रा, द फॉलोअप
झारखंड के सिमडेगा जिले में महिलाएं होली के लिए प्राकृतिक विधि से हर्बल गुलाल बनाकर तैयार कर रही हैं। नारी सशक्तिकरण की मिसाल पेश करती हुई ठेठईटांगर प्रखंड के चांदनी आजीविका स्वयं सहायता समूह एवं पाकरटांर के विकास आजीविका स्वयं सहायता समूह सहित बानो प्रखंडों के द्वारा प्राकृतिक विधि से पलाश ब्रांड अंतर्गत पलाश हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है। बता दें कि प्राकृतिक गुलाल बनाने के लिए सूखे हुए पलाश के फूलों का प्रयोग किया जाएगा। इसमें हरा रंग बनाने हेतु सूखा हुआ पालक साग, गुलाबी रंग बनाने हेतु चुकुंदर, पीला रंग बनाने हेतु हल्दी एवं फूल, लाल रंग के लिये फूल का प्रयोग किया जा रहा है। जो पूर्ण रूप से प्राकृतिक है। इस प्रकार के गुलाल त्वचा को किसी भी प्रकार से नुकसान नही पहुंचता।
जानकारी हो कि मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, पलाश JSLPS के निर्देश पर दिनांक 8 मार्च 2025 से जिला तथा सभी जिला एवं प्रखंडों में पलाश हर्बल गुलाल की प्रदर्शनी सा बिक्री हेतु स्टॉल का अधिष्ठापन किया जाना है। समूह की दीदियों का गुलाल बनाने का उत्साह होली पर्व के उमंग को और दोगुना कर रहा है। जिले में लगभग 200 किलो ग्राम का प्राकृतिक गुलाल तैयार किया जा रहा है। समूह की उद्यमी दीदियों के द्वारा इस प्रकार का प्रयास अन्य के लिये प्रेरणा का स्त्रोत एवं महिला सशक्तिकरण के लिए निश्चय ही मील का पत्थर साबित होगा।