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झारखंड के पलामू, गढ़वा और लातेहार में माइनिंग और परिवहन पर हाईकोर्ट ने हटाई रोक, जाने किसे मिलेगी राहत   

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द फॉलोअप डेस्क

झारखंड हाईकोर्ट में 20 अप्रैल गुरुवार को पलामू, गढ़वा और लातेहार में अवैध खनन मामले को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने संशोधित आदेश पारित करते हुए पलामू, गढ़वा और लातेहार में माइनिंग एवं मिनिरल की लीज प्राप्त कंपनियों द्वारा की जा रही वैध खनन पर से रोक हटा ली है। जिसमें लीगल माइनिंग करने वाली कंपनियों पर खनन एवं उसके परिवहन को लेकर हाईकोर्ट का रोक का आदेश प्रभावित नहीं होगी। अवैध माइनिंग से संबंधित मामले को लेकर पंकज कुमार यादव ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। मालूम हो कि उक्त तीनों जिलों में कोर्ट ने राज्य सरकार को अवैध माइनिंग पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि पलामू, गढ़वा और लातेहार में कोर्ट के आदेश के बाद पूरी तरह से माइनिंग गतिविधियां और परिवहन पर भी रोक लग गई है। लेकिन, बहुत सारी ऐसी कंपनियां है जो लीगल रूप से वहां पत्थर, कोयला, बॉक्साइट, लोह अयस्क बालू आदि का माइनिंग कर रही है। इसके लिए उन्हें सरकार की तरफ से लीज और खनन के लिए लाइसेंस भी मिला हुआ है। इस दौरान महाधिवक्ता ने अदालत को वैध माइनिंग करने वालों कंपनियों की सूची भी सौंपी और वैध रूप से माइनिंग करने वाली कंपनियों को खनन एवं परिवहन का अनुमति देने का आग्रह किया था।

कोर्ट ने डीसी को अवैध खनन, परिवहन पर रोक लगाने का दिया था निर्देश  

मामलू हो की पिछली सुनवाई में कोर्ट ने तीनों जिलों के डीसी को निर्देश दिया था। जिसमें कोर्ट ने गठित स्पेशल कमेटी की रिपोर्ट आने तक तीनों जिलों में वैध और अवैध खनन एवं उसके परिवहन पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि कोर्ट के आदेश के आलोक में स्पेशल कमेटी गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता आईजी पुलिस सीआईडी कर रहे हैं। जिसके बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 26 अप्रैल तय की थी।  

संचालक से माइनिंग चलाने के लिए 20 लाख रुपए की मांग से जुड़ा मामला  

जानकारी के मुताबिक यह मामला एक संचालक से माइनिंग चलाने के लिए माइनिंग विभाग के अधिकारी द्वारा 20 लाख रुपए की मांग से जुड़ा है। जिसमें डिप्टी डायरेक्टर रैंक के एक अधिकारी की भूमिका बताई गई है। लेकिन, उनके खिलाफ हो रही जांच को बंद कर दिया गया था। प्रार्थी के अनुसार, पलामू सहित कुछ जिलों में अवैध खनन में अरबों का पैसों का खेल चलता है। इसकी रोकथाम होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि सरकार के जो अधिकारी इस अवैध खनन में संलिप्त हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

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