द फॉलोअप डेस्क
नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (NRHM) घोटाले के आरोपी प्रमोद सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। प्रमोद कुमार सिंह, जो कि धनबाद के निवासी हैं, पर आरोप है कि उन्होंने एनआरएचएम में 6 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का गबन किया।
सूत्रों के अनुसार, प्रमोद कुमार सिंह को एजेंसी की ओर से 12 समन भेजे गए थे, लेकिन वह एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए। इसके बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद, ईडी की टीम ने प्रमोद को रांची स्थित PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में, ईडी ने प्रमोद को 7 दिनों की रिमांड पर पूछताछ करने की इजाजत मांगी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें केवल तीन दिनों की रिमांड मंजूरी दी।
झारखंड के नेशनल रूरल हेल्थ मिशन घोटाले से जुड़े इस मामले में ईडी ने धनबाद में छापेमारी भी की थी। ईडी ने प्रमोद सिंह के ड्राइवर अजीत सिंह के भूली स्थित आवास की भी तलाशी ली थी। प्रमोद सिंह पहले स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत था, लेकिन अब वह कोयले के कारोबार से जुड़ा हुआ है और उसे इस घोटाले का किंगपिन माना जाता है।
झारखंड एंटी करप्शन ब्यूरो ने 2011-12 में प्राइमरी हेल्थ सेंटर के लिए आवंटित 6 करोड़ 97 लाख 43 हजार रुपये से अधिक के गबन का मामला पकड़ा था। एसीबी ने इस मामले में 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, और फिर इसे ईडी ने अपने हाथ में लिया।
प्रमोद सिंह पर आरोप है कि उसने पीएचसी के लिए मिली राशि को अपने खाते में मंगवा लिया और उसका खर्च किया। इसके अलावा, उसके खाते में पीएचसी के 10 अकाउंट की राशि ट्रांसफर की गई थी। प्रमोद की पत्नी प्रिया सिंह के खाते में भी गलत तरीके से पैसे ट्रांसफर किए गए थे। घोटाले का खुलासा होने के बाद प्रमोद सिंह को स्वास्थ्य विभाग से बर्खास्त कर दिया गया, जिसके बाद वह कोयले के कारोबार में सक्रिय हो गया। इस मामले में अब ईडी की जांच जारी है और प्रमोद सिंह से पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।