रांचीः
10 जून को रांची के मेन रोड में हुए हिंसा को लेकर शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जांच की स्थिति को देखकर अदालत ने नाराजगी जाहिर की है। गृह सचिव और डीजीपी ने जवाब दायर नहीं किया है इसपर भी कोर्ट ने नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे सरकार को इस मामले में जांच कराने में कोई दिलचस्पी नहीं है। मामले की जांच के प्रति कोई गंभीर दिख ही नहीं रहा है। सीसीटीवी फुटेज के द्वारा इस घटना की जांच की जानी चाहिए थी।
कोर्ट ने नहीं दिया समय
कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच की जिम्मेदार सीआईडी और एसआईटी दोनों को दी गई है। सरकार ने सीआईडी को जिम्मेदारी क्यों दी है यह भी साफ नहीं किया गया है। कोर्ट ने कहा है कि गृह सचिव व डीजीपी को 2 सप्ताह का समय नहीं दिया जा सकता है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी। बता दें कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि आखिर जांच के बीच में ही एसएसपी और डेली मार्केठ थाना प्रभारी को क्यों हटाया गया इसके पीछे की मंशा क्या है। जिसके लिए गृह सचिव व डीजीपी को व्यक्तिगत शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया था। इसको लेकर दोनों ने ही दो सप्ताह का समय कोर्ट से मांग लेकिन अदालत ने समय देने से मना कर दिया।
एनआईए ने रखा पक्ष
बता दें कि प्रार्थी पंकज कुमार यादव ने जनहित याचिका दायर की है। उन्होंने पूरे मामले की एनआइए से जांच कराने की मांग की है। उनकी तरफ से अधिवक्ता विजय रंजन सिन्हा ने पक्ष रखा। एनआइए की ओर से अधिवक्ता एके दास ने रिपोर्ट प्रस्तुत किया। जिसमें बताया गया है कि वह किन-किन मामलों में जांच कर सकती है। कल की सुनवाई चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में हुई। सुनवाई के दौरान गृह सचिव व डीजीपी दो सप्ताह का समय मांगा है जिसे कोर्ट ने देने से इंकार कर दिया।