द फॉलोअप डेस्क
कांग्रेस की सीनियर नेता और महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आवास में सेना प्रमुखों के साथ होने वाली अहम बैठकों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत को आमंत्रित किया जाता है, जबकि सर्वदलीय बैठकों में प्रधानमंत्री खुद अनुपस्थित रहते हैं। अलका लांबा ने रांची में संविधान बचाओ रैली को संबोधित करते हुए कहा, “पहलगाम में 28 लोगों की जान चली गई, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न घटनास्थल पर गए, न घायलों से मिलने। सर्वदलीय बैठक में केवल इतना कह दिया गया कि 'हमसे चूक हो गई', लेकिन सवाल यह है कि प्रधानमंत्री चूक की जिम्मेदारी कब लेंगे?”
उन्होंने आगे कहा, “बिहार चुनाव में भाजपा सरकार पहलगाम से ध्यान भटकाना चाहती है, लेकिन जनता सब देख रही है। मोदी सरकार को अब जवाब देना होगा कि मोहन भागवत का सुरक्षा मामलों की बैठकों में क्या काम है?” “यह जीत आपकी है, यह तानाशाह सरकार की हार है” अलका लांबा ने रांची से उठी आवाज को जन-जन की आवाज बताते हुए कहा, “यह जीत आपकी है। यह आपके नेता राहुल गांधी की जीत है, जिन्होंने जातिगत जनगणना की मांग को जनांदोलन बनाया। जिस मुद्दे पर भाजपा और संघ शुरू से विरोध में थे, आज उन्हें उसी पर झुकना पड़ा।” उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार सिर्फ दिखावे के लिए योजनाएं बनाती है, महिला आरक्षण बिल पास तो हुआ, लेकिन लागू नहीं किया गया। जातिगत जनगणना की मांग पर उन्होंने दोहराया कि "हमें तब तक डटे रहना है जब तक यह लागू नहीं हो जाती।"
“राहुल गांधी जाते हैं शहीदों के घर, मोदी जी चुनावी रैलियों में व्यस्त”
उन्होंने राहुल गांधी की संवेदनशीलता की मिसाल देते हुए कहा, “जब देश में हमला होता है, लोग मरते हैं, तब राहुल गांधी शहीदों के परिजनों से मिलने जाते हैं। वे पहलगाम जाते हैं, कानपुर जाते हैं, आज वे लेफ्टिनेंट नरवाल के परिवार से मिलने गए हैं। दूसरी ओर मोदी जी चुनावी राज्यों में अठखेलियां करते नजर आते हैं।” उन्होंने अंत में कहा कि देश आज पाकिस्तान के आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है, लेकिन जरूरत राजनीतिक नेतृत्व की ज़िम्मेदारी निभाने की है, दिखावे की नहीं।