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प्रशिक्षण कार्यक्रम में मनरेगा आयुक्त ने बाल संरक्षण व बाल अधिकार के मुद्दों पर किया फोकस

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रांची 

आज मनरेगा आयुक्त, राजेश्वरी बी द्वारा सर्ड भवन के सभागार में दीनदयाल ग्राम स्वाबलम्बन योजना अंतर्गत कार्यरत लोकप्रेरकों के प्रशिक्षण सत्र में लोकप्रेरकों से मिलकर उनका उत्साहवर्धन किया गया। मनरेगा आयुक्त ने बताया कि महत्वाकांक्षी योजनाओं को सफल रूप प्रदान करने में अहम भूमिका निभाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमारे इन प्रयासों से गांव-गांव तक आत्मनिर्भर जीवन का सन्देश जायेगा। कहा कि बच्चे परिवार, राज्य और देश के भविष्य होते हैं। बच्चों को कुपोषण से बचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। 

बाल संरक्षण मुद्दे पर समाज को जागरूक करें

मनरेगा आयुक्त द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए बताया गया कि राष्ट्र एवं राज्य स्तर पर बच्चों के लिए बहुत सारी नीतियों का निर्धारण किया गया है। उन्हीं नीतियों को धरातल पर उतारने के लिए समाज के हर बच्चे को विशेषकर, जरूरतमंद बच्चे को उनके अधिकार के प्रति जागरूक करना ही हमारा कर्तव्य है। प्रशिक्षण का उद्देश्य यह है कि बाल संरक्षण एवं बाल अधिकार से जुड़े मुद्दों पर हम समाज को जागरूक कर सकें। और बच्चों के प्रति दायित्वों का निर्वहन नीतिगत सिद्धांतों के मुताबिक कर सकें।

कुपोषण उन्मूलन को लेकर विभाग प्रतिबद्ध

बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए विभाग पूरी तत्परता, सजगता और प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। राज्य को हर हाल में कुपोषण मुक्त करने की दिशा में कार्य करना है। बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास हेतु विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं के विषय में जानकारी दी। हर व्यक्ति स्वाबलंबन और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े। उन्होंने ग्रामीणों को खेती के साथ-साथ मनरेगा की योजनाओं से जुड़ने हेतु प्रोत्साहित किया।