द फॉलोअप डेस्क, रांची:
राजमहल संसदीय सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के भीतर ही बगावत हो गई है। बोरियो विधानसभा सीट से पार्टी के दिग्गज विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने राजमहल में निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होने कहा कि विजय हांसदा के खिलाफ जनता में नाराजगी के बावजूद पार्टी ने उनको टिकट दिया है। उन्होंने कल्पना सोरेन को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि मुझे सलाह दी गई थी कि टिकट के लिए मैं कल्पना सोरेन से बात करूं लेकिन वे पार्टी में क्या हैं। उन्होंने कहा कि यदि दुर्गा सोरेन के निधन के बाद सत्ता हेमंत सोरेन ने संभाली थी तो अब बसंत सोरेन को मुख्यमंत्री होना चाहिए था। कल्पना कहां से आईं।
बसंत सोरेन से मुलाकात का किया दावा
लोबिन हेम्ब्रम ने इस बीच दावा किया कि उनकी मुलाकात बसंत सोरेन से हुई थी। बसंत सोरेन भी विजय हांसदा को टिकट देने के पक्ष में नहीं थे। बावजूद इसके पार्टी ने उनको टिकट दिया। इससे पहले मंगलवार को देर शाम द फॉलोअप से बातचीत में लोबिन हेम्ब्रम ने कहा था कि उन्होंने अपने स्तर से राजमहल संसदीय क्षेत्र में सर्वे कराया था। जनता में विजय हांसदा के प्रति नाराजगी है। उन्होंने कहा था कि वे पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं बल्कि उसे आईना दिखा रहे हैं। लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि पार्टी ने स्थानीय नीति, नियोजन नीति और पेसा एक्ट का वादा किया था। पूरा नहीं किया। रोजगार का वादा भी पूरा नहीं किया।
राजमहल से तीसरी बार विजय हांसदा को मौका
गौरतलब है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राजमहल संसदीय सीट से तीसरी बार विजय हांसदा को मौका दिया है। लोबिन हेम्ब्रम ने यहां से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरने का ऐलान करके मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। बीजेपी ने यहां, पूर्व विधायक ताला मरांडी को उतारा है। कहा जा रहा है कि लोबिन हेम्ब्रम के निर्दलीय चुनाव लड़ने से यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।