द फॉलोअप डेस्क
दुमका लोकसभा सीट से बीजपी प्रत्याशी सीता सोरेन ने हार के बाद बड़ा बयान दिया है। सीता सोरेन ने अपने हार के लिए बीजेपी के बड़े नेताओं और विधायकों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बीजेपी की पूर्व मंत्री लुईस मरांडी व सारठ विधायक रणधीर सिंह पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश नेतृत्व को भी कोसा है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व को दुमका में हार की समीक्षा के अलावे ग्रास रूट पर जांच कराने की बात भी कही है।
जनता ने केवल मुझे और पीएम मोदी को देखकर वोट किया
सीता सोरेन ने कहा है कि चुनाव में भाजपा के संगठन की जो मजबूती है, वह देखने को नहीं मिली। बीजेपी के कार्यकर्ता मनमानी पर उतर आये थे। जनता ने केवल मुझे और पीएम मोदी को देखकर वोट किया है। सीता सोरेन ने आरोप लगाते हुए कहा कि लुईस मरांडी और रणधीर सिंह ने विश्वासघात किया। यही मेरी हार की मुख्य वजहों में से एक है।हालांकि, चुनाव में मुझे जमीनी कार्यकर्ता व जनता का पूरा समर्थन मिला। यही वजह है कि मेरी हार का अंतर कम रहा।
सख्त कार्रवाई की मांग की
सीता सोरेन ने आगे कहा कि केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व को दुमका में हार की समीक्षा के अलावे ग्रास रूट पर जांच करानी चाहिए। केंद्रीय नेतृत्व टीम बना गांव-गांव में पहुंचकर जांच करे तो पर्दे में रहकर पार्टी को हराने वाले पार्टी में छुपे गद्दारों की सूची सामने आ जाएगी। केंद्र में अगर बीजेपी को इस बार पूर्ण बहुमत नहीं मिला है तो इन्हीं गद्दारों की वजह से ऐसा होगा। इन पर पार्टी सख्त कार्रवाई करे।
करीब 23 हजार वोट से हारीं सीता सोरेन
गौरतलब है कि सीता सोरेन ने झामुमो छोड़ बीजेपी का दामन थामा था। जिसके बाद बीजेपी ने सुनील सोरेन का टिकट काटकर सीता सोरेन को मैदान में उतारा था। यहां से सीता सोरेन का सामना झामुमो के कद्दावर नेता नलिन सोरेन से था। JMM के नलिन सोरेन ने BJP के सीता सोरेन को 22 हजार 527 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। गौरतलब है कि झारखंड में बीजेपी का अंतर्कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिन देवघर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक नारायण दास ने गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे पर संगीन आरोप लगाये हैं। नारायण दास का आरोप है कि देवघर में आयोजित पार्टी की समीक्षा बैठक के दौरान उनके साथ मारपीट की गई।