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कुड़मियों का आंदोलन समाप्त, 5 दिन से बेपटरी हो गई थी रेल सेवा

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द फॉलोअप डेस्कः 
कुड़मियों का आंदोलन पांचवे दिन समाप्त हो गया है। झारखंड-बंगाल सीमा पर पांच दिन से चल रहा कुड़मी आंदोलन रविवार को खत्म किया गया। आद्रा डिवीजन के कस्तूरा में आंदोलनकारी ट्रैक से करीब 1 बजे हटे और रात 8 बजे खड़गपुर के पास खेमाशुली में आंदोलनकारियों ने जाम हटाया। पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों ने आंदोलनकारियों से बात की। अधिकारियों ने उनको आश्वासन दिया कि वह उनकी मांगों को केंद्र सरकार के पास पहुंचाएंगे। पक्का आश्वासन मिलने के बाद ही आंदोलन खत्म किया गया। बता दें कि पिछले पांच दिन से ट्रेन सेवा एकदम अस्त-व्यस्त हो गई थी। 111 घंटे तक रेल ट्रैक को जमा रखा गया। जिससे 435 ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं। अब रेलवे धीरे-धीरे ट्रेनों का परिचालन फिर से करेगा। हालांकि रांची रेल मंडल ने भी सोमवार से दूसरे मार्ग से ट्रेन चलाने की घोषणा की है। 


लंबी वार्ता का दौर चला 
बता दे कि कुड़िम समाज के लोग 5 अप्रैल की सुबह पांच से ही आद्रा डिवीजन के कुसतौर और खड़कपुर डिवीजन के फेमस खेमाशुली स्टेशन पर रेल चक्का जाम कर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे थे। कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक जाम कर बैठ गए थे। इस आंदोलन के कारण हावड़ा से मुंबई और हावड़ा से नई दिल्ली जाने वाली रूट पूरी तरह से बाधित थीं। आंदोलन को देखते हुए दक्षिण पूर्व रेलवे ने पिछले पांच दिनों में सैकड़ों ट्रेनों को रद्द किया था। इस कारण यात्रियों को परेशानी हो रही थी। इसके साथ ही, रेलवे को भी हर दिन करोड़ों रुपया का नुकसान उठाना पड़ रहा था।

रेल प्रबंधन और कुड़मी समाज के बीच से लंबी वार्ता का दौर चला। इसके बाद कुड़मी आंदोलन की नेतृत्वकर्ता मुख्य सलाहकार अजीत प्रसाद महतो ने आंदोलन को रद्द करने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार से बात कर उनकी मांगों को लेकर जल्द रणनीति तैयार की जाएगी। आंदोलन समापन के बाद अब रेल प्रबंधन वापस ट्रेनों की आवाजाही शुरू करने की तैयारी कर रही है। कुड़मी समुदाय ने सोमवार को बंगाल के मुख्य सचिव के साथ बैठक के लिए एक पत्र दिया है।

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