द फॉलोअप डेस्क
उत्तरप्रदेश के अमेठी से हाल के दिनों में एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जिसमें एक जोगी 22 साल बाद भिक्षा मांगते हुए अपने गांव पहुंच गया था। विडियो में देखा जा सकता है कि जोगी सारंगी बजाते हुए गाना गा रहा है और पास बैठा उसका परिवार रो रहा है। अब इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है। जिस जोगी के परिवार के लोग बेटा मान रहे थे वह असल में ठग निकला। जोगी ने परिवार को फोन किया और कहा कि अब वो अपना संन्यासी जीवन छोड़ कर घर लौटना चाहता है। लेकिन उसे अपने मठ में दस लाख रुपए जमा कराने होगें। वह UPI से पैसे भेजने को कह रहा था। परिवार को शक हुआ फिर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू की और जांच में ये पता चला कि जोगी बना युवक पिंकू नहीं, बल्कि नफीस है। और वो परिवार को ठगने की कोशिश में था। पुलिस फिलहाल आरोपी की तलाश में जुट गई है।
गांव से मिला 13 क्विंटल अनाज
दरअसल, खरौली गांव के रहने वाले रतिपाल सिंह अपनी पत्नी और एक बेटे पिंकू के साथ दिल्ली में रहते थे। इस बीच उनकी पत्नी की मौत हो गई। जिसके बाद रतिपाल सिंह ने भानुमति से दूसरी शादी कर ली। लेकिन साल 2002 पिंकू गायब हो गया। तब पिंकू की उम्र सिर्फ 11 साल थी। परिवार ने बहुत ढूंढा लेकिन पिंकू नहीं मिला। 22 साल बाद एक जोगी गांव पहुंचा और खुद को पिंकू होने का दावा करने लगा। परिजन खुश हो गए और बेटे को परिवार के साथ रहने को कहने लगे। लेकिन वह नहीं माना। जब जोगी घर में रूकने के लिए लिए नहीं माना तब परिवार वाले दुखी तो हुए लेकिन फिर गांव के लोगों ने 13 क्विंटल अनाज भिक्षा के रूप में दिया। बुआ ने भी 11 हजार रुपये दे दिए। अपने घरवालों से बात हो पाए इसलिए एक फोन भी दिया गया। बीते एक फरवरी को जोगी गांव से चला गया।
पिता ने बेच दी थी गांव की जमीन
वापस जाने के बाद उस जोगी कुछ दिन बीते गए जिसके बाद जोगी ने अपने परिवार को फोन किया औक कहा कि अब वो अपना संन्यासी जीवन छोड़ कर घर लौटने की बात कह दस लाख रुपए जमा कराने होगें। अपने बेटे को वापस पाने के लिए पिता ने अपने गांव की जमीन बेच दी। इस दौरान जब उनकी अपने बेटे पिंकू से बात हुए तब उन्होने मठ आकर पैसे देने की बात कही। जिसपर पिंकू आना-कानी करने लगा। वो लगातार यूपीआई से पैसे भेजने को कहता रहा। जिसपर परिवार को शक हुआ, फिर उन्होने थोड़ी पड़ताल की, तब जाकर ये बात सामने आई की झारखंड के पारसनाथ में कोई मठ नहीं है, दरअसल पारसनाथ जैन धर्म स्थान है।
इससे पहले भी नफिस कई परिवारों को लगा चुका है चूना
अमेठी से पहले आरोपी नफिस ने बिहार में दरभंगा के रहने वाले शाहिद के परिवार को भी निशाना बनाया था। खबर है कि वो दो महीने पहले ही वहां गया था। जहां उसने खुद को दिल्ली से गायब हुआ परिवार का बच्चा बताया और दो लाख रुपयों की मांग की। उसने परिवार को बताया कि वो गोरखपुर के मठ में रहता है। लेकिन परिवार ने पैसे नहीं दिए, जिसके बाद वो फरार हो गया। आपको बता दें नफीस का भाई राशिद भी कथित तौर पर ऐसे ही काम में लगा हुआ है। आरोप है कि वो जुलाई 2021 में 14 साल पहले खोया हुआ बेटा बनकर एक परिवार को लाखों का चूना लगा चुका है।
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