logo

Ranchi : चुनाव आयोग की नोटिस पर रणनीति बनाने में जुटी झामुमो, बीजेपी का भी दिल्ली दौड़ शुरू! 

hemantsoren3.jpg

रांची: 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पद का दुरुपयोग करते हुए खनन पट्टा का लीज हासिल करने के आरोपों को लेकर झाऱखंड की सियासत गरमाई हुई है। केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने सीएम हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है जिसका जवाब उन्हें 10 मई तक देना होगा। मुख्यमंत्री के पास चुनाव आयोग का जवाब देने के लिए 6 दिन का वक्त बचा है। 

मुख्यमंत्री कार्यालय में जवाब तैयार किया जा रहा है
रिपोर्ट्स हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय में जवाब तैयार किया जा रहा है। हेमंत सोरेन भी व्यक्तिगत रूप से इसे देख रहे हैं। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी से राय-मशविरा किया है। बताया जाता है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा कई विकल्पों पर काम कर रही है। 

टाइम पिटीशन दाखिल करने की तैयारी में मुख्यमंत्री
कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जहां एक ओर टाइम पीटिशन दाखिल करने की तैयारी में हैं तो वहीं आपात स्थिति में नेतृत्व परिवर्तन पर भी चर्चा शुरू हो गई है। गौरतलब है कि यदि सीएम हेमंत सोरेन के पक्ष में स्थितियां नहीं हुई तो वो इस्तीफा देकर गुरुजी को सत्ता की बागडोर सौंप सकते हैं। दरअसल, संभावना है कि गुरुजी के नाम पर गठबंधन में मतभेद नहीं होगा।  ऐसे में हेमंत सोरेन खुलकर अपनी कानूनी लड़ाई लड़ सकते हैं औऱ सत्ता पर भी कोई खतरा नहीं होगा। 

सुप्रीम कोर्ट भी जा सकती है झारखंड मुक्ति मोर्चा
झारखंड मुक्ति मोर्चा की रणनीति में सुप्रीम कोर्ट जाना भी शामिल है। बताया जा रहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की माता रूपी सोरेन के इलाज और विधि-विशेषज्ञों की राय का हवाला देकर चुनाव आयोग से थोड़ा और समय मांग सकती है। इधर, बीजेपी भी अपना दांव चल रही है। दीपक प्रकाश दिल्ली प्रवास पर हैं, वहां आला  धिकारियों के साथ चर्चा करेंगे।

चुनाव आयोग की नोटिस के बाद बीजेपी का हमला तेज 
गौरतलब है कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी और भी ज्यादा हमलावर हो गई है वहीं सत्तापक्ष भी किसी कीमत पर झुकने को तैयार नहीं है।

दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अनगड़ा में 0.88 एकड़ खनन पट्टा का लीज हासिल किया। बीजेपी इस आधार पर मुख्यमंत्री की सदस्यता रद्द करने की मांग कर रही है वहीं झामुमो का कहना है कि मामला ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का है ही नहीं।