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शिक्षा में समानता के संकल्प के साथ झारखंड आगे बढ़ रहा हैः रामदास सोरेन

द फॉलोअप डेस्क
आज जैक दसवीं बोर्ड के रिजल्ट जारी होते समय मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि वर्ष 2025 में माध्यमिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी में – 3,95,755 छात्र, द्वितीय श्रेणी में – 2,21,040 छात्र, तृतीय श्रेणी में – 1,57,194 छात्र सफल हुए हैं। कुल सफलता प्रतिशत – 91.71% रहा। इसके लिए मैं राज्य के सभी विद्यार्थियों को उनके परिश्रम के लिए धन्यवाद देता हूँ। यह निश्चित रूप से हमारी सरकार, झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) और शिक्षा विभाग की मेहनत का भी परिणाम है।  हालांकि, परिणाम घोषित करने में थोड़ी देरी हुई, लेकिन आने वाले समय में हमारा शिक्षा विभाग इस प्रक्रिया को और बेहतर बनाएगा, ताकि परीक्षा समय पर ली जा सके, प्रश्नपत्र प्रकाशित किए जा सकें और समय पर परिणाम भी घोषित हों। इससे विद्यार्थियों को आगे की कक्षाओं में प्रवेश लेने में कोई बाधा न हो। हमारा झारखंड एक ऐसा राज्य है जहाँ लोग नदियों और पहाड़ों के बीच बसे गांवों में रहते हैं और खेती कर अपना जीवन यापन करते हैं। पहले यहां के लोग यह नहीं जानते थे कि शिक्षा क्या होती है, लेकिन अब वे भी जागरूक हो रहे हैं। अगर 2011 के बाद कोई सर्वे हो, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि शिक्षा का स्तर राज्य में काफी बढ़ा है। 


मुख्यमंत्री ने महसूस किया कि जब तक शिक्षा में समानता नहीं लाई जाएगी, तब तक हमारे बच्चे आगे नहीं बढ़ पाएंगे। आज हम CBSE के मुकाबले अपने बच्चों को उस स्तर तक नहीं पहुँचा पा रहे हैं, यही कारण है कि कई राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं में झारखंड के बच्चे सफल नहीं हो पा रहे हैं। इसी सोच के साथ मुख्यमंत्री ने "CM स्कूल ऑफ एक्सीलेंस" की शुरुआत की है, जो CBSE पैटर्न पर आधारित हैं। इन स्कूलों का परिणाम भी काफी अच्छा रहा है। अब अभिभावकों की भी सोच बदल रही है वे चाहते हैं कि उनके बच्चे CBSE पैटर्न में पढ़ें ताकि वे IAS, डॉक्टर, इंजीनियर बन सकें।  इसी दिशा में हमारी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में हम ऐसी शिक्षा व्यवस्था तैयार करेंगे, जिसमें झारखंड के बच्चे पढ़-लिखकर IAS, डॉक्टर, इंजीनियर बन सकें और राज्य का नाम रोशन करें।