द फॉलोअप डेस्क
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के प्राथमिक शिक्षकों के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने समान कार्य के लिए समान वेतन देने का निर्देश देते हुए कहा कि सरकार 8 हफ्तों के अंदर इस पर फैसला ले और शिक्षकों को भी 2015 में नियुक्त शिक्षकों के बराबर वेतन दे। हाईकोर्ट के इस फैसले से राज्य के करीब 50 हजार शिक्षक लाभान्वित होंगे। यह आदेश जस्टिस संजय प्रसाद की अदालत ने सुनाया। अदालच ने साथ ही उम्मीद जताई कि शिक्षकों को बार-बार कोर्ट के चक्कर ना लगाने पड़ें, इसके लिए विभाग जल्द फैसला करेगा। कोर्ट ने आदेश के साथ याचिका को समाप्त कर दिया।
दरअसल दिलीप पांडेय सहित अन्य शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में बताया गया कि 2002-03 में जोपीएससी के जरिए कक्षा 1 से 8 तक के शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी और सभी को 4200 ग्रेड पे मिला था। 2009 में आरटीई कानून लागू हुआ और इसके बाद 2012 में राज्य सरकार ने नई नियुक्ति नियमावली बनाई। इसमें कक्षा 1 से 5 और 6 से 8 के शिक्षकों की नियुक्ति अलग-अलग श्रेणियों में की गयी और 4600 ग्रेड पे तय किया गया। इससे पहले से कार्यरत शिक्षकों के वेतन में असमानता आ गयी। पूर्व नियुक्त शिक्षक इस वेतन भेदभाव के खिलाफ कोर्ट पहुंचे और समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग की। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी को एक समान वेतन दिया जाए।