रांची:
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में खनन घोटाला, मनरेगा घोटाला, जमीन घोटाला और टेंडर कमीशन घोटाला केस में जांच कर रहे ईडी के अधिकारियों के खिलाफ कथित तौर पर जेल से साजिश रचने के मामले में स्वत संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने जेल में बंद आरोपी प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल की सक्रियता मामले में प्रवर्तन निदेशालय से सीलबंद रिपोर्ट मांगा है। बता दें कि पिछले दिनों ईडी ने रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में छापेमारी की थी। छापेमारी के बाद ईडी ने खुलासा किया कि जेल में बैठा प्रेम प्रकाश, अधिकारियों को झूठे मुकदमों में फंसाने और मरवाने का प्लान बना रहे थे।
रांची जेल में कई घोटालों के आरोपी बंद हैं
बता दें कि रांची जेल में फिलहाल प्रेम प्रकाश, अमित अग्रवाल, छवि रंजन, भानुप्रताप प्रसाद, पूजा सिंघल सहित 1 दर्जन से ज्यादा आरोपी बंद हैं। ईडी ने खुलासा किया है कि खनन घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद प्रेम प्रकाश नक्सलियों और गैंगस्टरों से मिलकर ईडी के अधिकारियों को निशाना बनाने की साजिश कर रहा था। केवल इतना ही नहीं, उसने कुछ महिलाओं को इस बात के लिए तैयार किया था कि वह ईडी के अधिकारियों को झूठे मुकदमें में फंसा दें। एससी-एसटी एक्ट के तहत फंसाने की साजिश की थी।
प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल को दूसरे जेल में शिफ्ट करेंगे
ईडी ने गृह मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट में यह भी बताया कि प्रेम प्रकाश जेल में कुछ प्रभावशाली लोगों से मुलाकात किया करता था जिसके सीसीटीवी फुटेज नष्ट कर दिए गए हैं। फुटेज नष्ट किए जाने का साक्ष्य भी ईडी के पास है। ईडी ने प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल की गतिविधियों की वजह से दोनों को दूसरे राज्य के किसी जेल में शिफ्ट किए जाने की अनुशंसा की है।