रांची:
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ चाईबासा में दर्ज मानहानि के एक मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सोमवार को हुई सुनवाई में न्यायमूर्ति एसके द्विवेदी की अदालत ने राज्य सरकार एवं शिकायतकर्ता बीजपी नेता प्रताप कुमार के आग्रह पर प्रति-शपथ पत्र दाखिल करने का समय दिया। बता दें कि उक्त मामले में पहले कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई थी।
साल 2019 का है पूरा मामला
मामला दरअसल, साल 2019 का है। तब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस में कोई भी हत्या पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं हो सकता लेकिन भारतीय जनता पार्टी में ये संभव है। तब राहुल गांधी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। राहुल गांधी ने तब अपने संबोधन में कहा था कि बीजेपी के लोग ही किसी हत्यारे को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना सकते है। राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि बीजेपी दरअसल, झूठे लोगों की पार्टी है।
हाईकोर्ट ने दिया है अतिरिक्त समय
इस बयान को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। तब केस में गवाही के बाद निचली अदालत ने संज्ञान लिया था और राहुल गांधी के खिलाफ 7 अप्रैल 2022 को जमानतीय वारंट जारी किया था। दूसरी ओर मानहानि का मुकदमा निरस्त करने की मांग को लेकर राहुल गांधी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इसी मामले में आज सुनवाई हुई। बता दें कि राज्य सरकार और शिकायतकर्ता प्रताप कुमार ने समय मांगा था। शिकायतकर्ता की ओर से वकील विनोद साहू ने पैरवी की थी। कोर्ट ने शिकायत पत्र दाखिल करने का समय दिया है। आगे सुनवाई होगी।