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आदिवासी अस्मिता की रक्षा और उनका हक दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है झारखंड सरकार : मिथिलेश ठाकुर

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गढ़वा: कई लोग आदिवासी अस्मिता की बात करते हैं, लेकिन हमेशा वास्तविकता से मुंह मोड़ते हैं। पूर्व की सरकार और हेमंत सरकार में यही अंतर है कि हेमंत सरकार धरातल पर कार्य कर रही है। दिशोम गुरू शिबु सोरेन के झारखंड निर्माण के सपनों को हेमंत सरकार साकार कर रही है। शुक्रवार को ये बातें पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहीं। वे विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर शुक्रवार को रंका प्रखंड के विश्रामपुर स्थित संत जोसेफ उच्च विद्यालय परिसर में आयोजित आदिवासी दिवस महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस दौरान मंत्री श्री ठाकुर ने आदिवासी समाज के लोगों को शॉल ओढ़ाकर तथा महिला-पुरूषों को धोती-साड़ी देकर सम्मानित किया। 
मौके श्री ठाकुर ने कहा कि झारखंड सरकार सभी गरीबों को अबुआ आवास, पेंशन, 200 यूनिट मुफ्त बिजली आदि दे रही है। हेमंत सरकार इतनी सारी सुविधा दे रही है, इसे आप भूलेंगे नहीं। आने वाले समय में गलत लोगों को नहीं चुनेंगे। बल्कि आपके हित के लिए कार्य करने वाले को ही चुनेंगे। 
मंत्री ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस आदिवासी आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को मनाया जाता है। विश्व भर की आदिवासी जातियों में जागरूकता फैलाने और उनके अधिकारों के संरक्षण को प्रेरित करने के उद्देश्य से ही पूरे विश्व में विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। आज के इस महत्वपूर्ण दिवस पर हमें आदिवासी समुदायों के अधिकारों, उनकी संस्कृति और उनकी समस्याओं पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करता है। आदिवासी हमारे समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनकी रक्षा करना उन्हें अधिकार दिलाना हमारा कर्त्तव्य है। मंत्री ने कहा कि आदिवासियों की स्मिता की रक्षा एवं उन्हें उनका हक, अधिकार दिलाने के लिए झारखंड सरकार प्रतिबद्ध है। मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित संत जोसेफ उवि की प्रधानाध्यापिका सिस्टर जगरानी, सिस्टर कलारा तिर्की, फादर नॉबर्ट तिर्की, बीस सूत्री जिला उपाध्यक्ष नितेश सिंह, झामुमो जिलाध्यक्ष तनवीर आलम, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष छोटू सिंह खरवार, अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के जेपी मिंज, ज्योति लकड़ा आदि ने अपने विचार रखे। मौके पर मुख्य रूप से रंका एसडीपीओ, बीडीओ, सीओ, जगदीश टोप्पो, हृदयानंद मिंज, लीलावती देवी, कपिलदेव सिंह, नंदलाल सिंह, तमगे मुखिया रिंकी देवी, राधेश्याम सिंह, राजकिशोर यादव, गुलाब सिंह, आशिष गुप्ता, पप्पु यादव, दिलीप गुप्ता, अंकित पांडेय, जैनुल्लाह अंसारी, सलीम जाफर, मुखिया जिन्ना देवी, इजहार अंसारी, विनोद प्रसाद, शंभु गुप्ता, संदीप गुप्ता, अमानत अंसारी, इम्तियाज अंसारी, हिरामन कोरवा, अर्जुन मिंज, नीलम कुजुर, नारद सिंह, शंकर सिंह, शांति देवी, सिस्टर मुक्ति सहित रंका, रमकंडा, चिनियां, बड़गड़, भंडरिया आदि प्रखंडों के बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।
 

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