द फॉलोअप डेस्क
झारखंड सरकार ने विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से 1500 करोड़ का लोन मांगा है। यह श्रण राजकोषीय उत्तरदायी और बजट प्रबंधन के तहत मांगा गया है, जिसमें राज्यों को राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 3% तक लोन लेने का प्रावधान है। राज्य यह लोन 6.92% सालाना ब्याज पर मिलेगा और इसे 3 साल में चुकाना होगा। वित्त सचिव प्रशांत कुमार ने इस संबंध में RBI को पत्र भेजा है। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि यह राज्य का अधिकार है और वित्तीय प्रबंधन के तहत इस लोन की मांग की गयी है। उन्होंने कहा कि यह राशि विकास कार्यों में खर्च की जाएगी।
राज्य सरकार का दावा है कि केंद्र सरकार से मिलने वाला 11000 करोड़ का अनुदान अब तक नहीं मिला है। इस मामले में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर राज्य का हिस्सा मांगा था। जल जीवन मिशन की 57000 योजनाएं राज्य में लंबित हैं और इसके तहत 6000 करोड़ का अनुदान भी नहीं मिला है। राज्य सरकार इस अनुदान की भी मांग कर रही है।
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर बुधवार सुबह 9 बजे राज्य के वाणिज्य कर अधिकारियों के साथ ऑनलाइन समीक्षा बैंठक करेंगे। बैठक में वाणिज्य कर सचिव, आयुक्त और जिलों के वाणिज्य कर अधिकारी भी शामिल होंगे। इस दौरान वित्त मंत्री अब तक के राजस्व संग्रहण का मूल्यांकन करेंगे और 31 मार्च तक अधिकतम राजस्व संग्रहण के लिए योजना पर चर्चा करेंगे। बताया जा रहा है कि कई जिलों में राजस्व वसूली की स्थिति कमजोर है, जिसे सुधारने के लिए यह बैठक अहम मानी जा रही है।