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220 रुपये में बेचते थे चाइल्ड पॉर्नोग्राफी, झारखंड सीआईडी ने 4 साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार

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द फॉलोअप डेस्कः 
झारखंड सीआईडी ने साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। देशभर में टेलीग्राम चैनल के जरिए चाइल्ड पोर्नोग्राफी केस में बेंगलुरू के विद्यानगर से अरुण बाबू ओपी नाम के युवक को गिरफ्तार किया है। चाइल्ड राइट्स फाउंडेशन के सचिव बैद्यनाथ कुमार ने टेलीग्राम के जरिए चाइल्ड पोर्नोग्राफी व स्कॉट सर्विस के नाम पर दिल्ली सेक्स ग्रुप नाम से ओपन ग्रुप चलाए जाने की शिकायत की थी। उन्होंने स्टिंग कर खुलासा किया था कि 220 रुपये यूपीआई के जरिए देने पर 8000 से अधिक चाइल्ड सेक्स पोर्न वीडियो बेचा जाता था। सीआईडी ने इस मामले में बेंगलुरू से अरुण बाबू ओपी को गिरफ्तार किया। उसके पास से दो मोबाइल बरामद किए गए। इनमें बाल यौन शोषण से जुड़ी सामग्री, फोटो व वीडियो के साथ कई टेलीग्राम चैनलों के लिंक, क्लाउड स्टोरेज सर्विस व टीईआरए से भी फोटो व वीडियो रिकवर किए गए। 


220 रुपये बेचा जाता था वीडियो 
इसके साथ ही ऑनलाइन जीवी फुटबॉल वेटिंग के नाम पर देशभर में 222 से अधिक लोगों से 24 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके साइबर अपराधी मनीष व अरुण कुमार को यूपी के गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। जबकि बीमा पॉलिसी के नाम पर 87.29 लाख की ठगी करने वाले लवकुश को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। इन मामलों में अपराधियों तक पहुंचाने में केंद्रीय गृह मंत्रालय के आई4सी की टीम की भी अहम भूमिका रही। सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने टीम में शामिल इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों को 5 हजार व नीचे के अधिकारियों व कर्मियों को 3 हजार नकद इनाम देने की भी घोषणा की है।


फुटबॉल मैच पर ऑनलाइन बेटिंग की जाती थी
साइबर अपराधियों द्वारा जीवी फुटबॉल डॉटकॉम नाम की वेबसाइट बनाकर फुटबॉल मैच पर ऑनलाइन बेटिंग की जाती थी। रजिस्ट्रेशन के लिए टेलीग्राम व व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते थे। दिसंबर 2022 से मई 2023 तक जीवी फुटबॉल एप बनाकर भी रजिस्ट्रेशन के लिए 500 रुपये लोगों से लेते थे। मुनाफे में निकासी का प्रावधान था। प्रत्येक 50 हजार की निकासी पर 12 प्रतिशत जीएसटी भी काटा जाता था। लेकिन कंपनी ने 27 अप्रैल के बाद निकासी पर रोक लगा दी, जबकि निवेश जारी रखा। रांची के विजय कुमार चौधरी ठगी के शिकार हुए थे। जांच में आई4सी का सहयोग सीआईडी ने लिया। तब पाया कि मनीष इंटरप्राइजेज, गाजियाबाद ने फर्जी प्रोपराइटर फर्म बनाकर यह जालसाजी की। देशभर में 222 लोगों से 24 करोड़ की ठगी का खुलासा सीआईडी ने किया।

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