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झारखंड विधानसभा के 23वें स्थापना दिवस में बोले दिग्गज, लोकहित में सार्थक संवाद जरूरी

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द फॉलोअप डेस्क:

झारखंड विधानसभा का 23वां स्थापना दिवस समारोह मनाया जा रहा है। समारोह का उद्घाटन राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने किया वहीं मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए। स्पीकर रवींद्रनाथ महतो के भाषण के साथ समारोह की शुरुआत हुई। कार्यक्रम में स्पीकर रवींद्रनाथ महतो, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने अपने-अपने विचार रखे। राज्यपाल, मुख्यमंत्री, स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष के संबोधन का सार यही था कि विधानसभा को ज्यादा से ज्यादा चर्चा, संवाद, विचार-विमर्श और सार्थक बहस का मंच बनाया जाना चाहिए ताकि लोकहित में प्रभावी नीतियां बनाई जा सके। 

स्पीकर ने विधेयकों के कानून नहीं बनने पर जताया दुख
समारोह में स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सदन में सार्थक चर्चा और विचार विमर्श को जरूरी बताते हुए कहा कि पक्ष और विपक्ष को विधानसभा में चुनावी राजनीति से ऊपर उठकर लोकहित में नीतियां बनाने के लिए काम करना चाहिए। इस बीच रवींद्रनाथ महतो ने मंच पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन की मौजूदगी में इस बात पर दुख जाहिर किया कि सदन से पास हुए कई अहम विधेयकों को मंजूरी नहीं मिली। उन्हें मंजूरी मिलनी चाहिए थी।

 

राज्यपाल ने सदन में दलगत राजनीति से ऊपर उठने को कहा
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि इसे आप मॉर्डन लोकतंत्र की खूबसूरती कह लें या मजबूरी, हम चुनाव को नजरअंदाज नहीं कर सकते। सरकारों को चुनने के लिए चुनाव जरूरी है लेकिन मेरा मानना है कि सदन के भीतर जब पक्ष और विपक्ष के सदस्य बैठें तो दलगत राजनीति से ऊपर सोचें, क्योंकि वहां वे केवल जनप्रतिनिधि होते हैं। राज्यपाल ने इस बात पर जोर दिया कि सदन में विपक्ष को सरकार के सहयोगी की तरह व्यवहार करना चाहिए वहीं सत्तापक्ष को भी विपक्ष के साथियों की सलाह को तवज्जो देना चाहिए ताकि लोकहित में काम किया जा सके। 

अमर बाउरी ने सत्तापक्ष-विपक्ष में संवाद बढ़ाने की बात कही
बीजेपी विधायक दल के नेता और सदन में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि अरस्तु ने कहा था कि सत्तापक्ष मतवाले हाथी की तरह होता है। यदि उसपर सार्थक अंकुश नहीं लगाया गया तो बेकाबू हो सकता है। अमर बाउरी ने इस बात पर जोर दिया कि सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जितना ज्यादा संभव हो, चर्चा होनी चाहिए। जो भी बिल सदन में सरकार लाती है, उस पर ज्यादा से ज्यादा संवाद होना चाहिए। अमर बाउरी ने कहा कि सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जितना ज्यादा संवाद होगा, झारखंड के लिए उतना ही अच्छा रहेगा। 

झारखंड स्थापना दिवस समारोह में विधायकों की कम संख्या
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह पंचम विधानसभा का चौथा स्थापना दिवस समारोह था। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, राज्यपाल, स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष ने काफी जरूरी और सार्थक बातें कही लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात ये है कि कार्यक्रम में कुल 81 में से 10 फीसदी विधायक भी वहां मौजूद नहीं थे। कहा जा रहा है कि यह पहली बार नहीं है जबकि विधायकों ने स्थापना दिवस समारोह को नजरअंदाज किया हो। पहले भी स्थापना दिवस समारोह में विधायकों की उपस्थिति कम रही है। एक ऐसे कार्यक्रम में जो प्रदेश में लोकतंत्र के मंदिर से जुड़ा हो, जनप्रतिनिधियों द्वारा उसे नजरअंदाज करना काफी दुखद है।