द फॉलोअप डेस्क
झारखंड में हेमंत सरकार ने निजि विवि अधिनियम को अधिसूचित कर दिया है। इससे अब राज्य में प्राइवेट यूनिवर्सिटी खोलना काफी आसान हो गया है। इसके लिए केवल कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। बता दें कि अपना निजी विवि खोलने के लिए नगर निगम के अंतर्गत कम से कम 5 एकड़ जमीन और नगर निगम सीमा से बाहर कम से कम 15 एकड़ जमीन होना जरूरी है। इसके अलावा जमीन का दखल या पट्टा कम से कम 30 साल के लीज पर होना चाहिए। साथ ही विशविद्यालय बनाने के साथ ही जमीन का इस्तेमाल दूसरे कार्यो में नहीं करना होगा। ऐसी जमीन की स्थापना के लिए लोन लेने के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए किसी भी विधि वित्तीय सहायता या बैंक इत्यादि के सामने गिरवी नहीं रखी जायेगी। इन सभी के साथ ही नगर निगम क्षेत्र में भूमि के लिए 10 करोड़ रुपये और नगर निगम के बाहर की जमीन लिए 7 करोड़ रुपये का निधि रखना अनिवार्य होगा।
राज्य में प्राइवेट यूनिवर्सिटी खोलने के लिए आपको पुस्तकालय, व्याखनमाला, सभागार, विद्यार्थी संसाधन केंद्र, खेल सुविधा और प्रयोगशाला आदि का भी कम से कम 12000 वर्गमीटर निर्मित क्षेत्र में निर्माण कराना होगा। साथ ही इसके तहत UGC के नियमों का पालन करना होगा।नियमानुसार होगी शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति
जानकारी हो कि निजी विवि में भी कुलपति, कुलसचिव, शिक्षक और कर्मचारियों की नियुक्ति नियमानुसार ही करनी होगी। इसके साथ ही निजी विवि बनाने के लिए 5 लाख के शुल्क के साथ आवेदन करना होगा। इसके अलावा विवि में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भी लगातार काम करना होगा। एकेडमिक और अनुसंधान उत्कृष्टता के लिए प्रस्तावित दृष्टिकोण और प्रारंभिक योजनाएं व अंकेक्षण कराना होगा। इन निजी विवि में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग और विकलांग विद्यार्थियों सहित आर्थिक या सामाजिक रूप से पिछड़े परिवारों के विद्यार्थियों को शुल्क में रियायत अगर मिलता है, तो उसे देना अनिवार्य होगा। इसके अलावा विवि में राज्य की नीतियों जैसे औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति, स्टार्टअप नीति, ऊर्जा नीति, स्वास्थ्य नीति, खनन नीति आदि के साथ खुद को शिक्षित करने की प्रतिबद्धता के साथ काम करना होगा। प्राइवेट यूनिवर्सिटी के लिए निदेशक उच्च शिक्षा विभाग के स्तर पर जांच समिति भी रहेगी।