द फॉलोअप डेस्क
झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स (Jharkhand Chambers of Commerce) के प्रतिनिधि कृषि बाजार शुल्क के विरोध में अनिश्चितकाल हड़ताल को वापस ले लिया है। चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों समेत खाद्यान्न व्यापारियों की बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय चौबे (Vinay Choubey) और कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Badal Patralekh) के साथ हुई। इसकी जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि बैठक सकारात्मक रही। जहां व्यापारियों के विरोध बिंदुओं पर चर्चा की गयी। सरकार ने व्यापारियों को आश्वासन दिया है कि मांग मे सकारात्मक पहल की जायेगी। सरकार बीच का रास्ता निकालेगी। उन्होंने बताया कि मामले में कांग्रेस नेताओं समेत कई विधायकों ने कृषि मंत्री को पत्र लिखकर हस्तक्षेप का आग्रह किया था। बता दें कि व्यापारियों द्वारा जारी हड़ताल की वजह से राज्य में उहापोह की स्थिति हो गई थी। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री आवास पर शनिवार को बैठक हुई थी। जिसके बाद झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स की बैठक हुई है। जिसमें हड़ताल खत्म करने के फैसले पर सहमति बनी।
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कृषि बाजार शुल्क शून्य करने की मांग
चेंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि हमने सरकार के समक्ष इस विधेयक को लेकर विस्तार से बातें रखी हैं। जिसमें मुख्य चिंता इस बात पर व्यक्त की गई कि विधेयक के लागू होने से झारखंड में विकसित हो रहे कृषि कार्य, कृषि आधारित उद्योग एवं व्यापार प्रभावित होंगे। इसके अलावे इस विधेयक के लागू होने के बाद भ्रष्टाचार का बोलबाला हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान चेंबर के प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से कृषि बाजार शुल्क शून्य करने की मांग की है। जिस पर कृषि मंत्री के द्वारा यह आश्वासन दिया गया है कि चेंबर की मांगों पर सरकार विचार करेगी। नियमावली बनाते वक्त चेंबर की सहमति सरकार के द्वारा ली जाएगी और राइस मिल्स और इससे जुड़े कारोबारियों पर कोई विपरीत प्रभाव ना पड़े इसका ध्यान रखा जाएगा।
झामुमो-कांग्रेस शिष्टमंडल ने भी की थी पहल
सीएम आवास पर हुई बैठक से पूर्व झामुमो-कांग्रेस के एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री से मिलकर हड़ताल समाप्त कराने का आग्रह किया था। इसके बाद कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री के सचिव के साथ चेंबर की बैठक हुई। वार्ता के बाद चेंबर भवन में झारखंड चेंबर द्वारा खाद्यान्न व्यापारियों के साथ बैठक की गई। कृषि मंत्री से आश्वासन मिलने के बाद आंदोलन को स्थगित करने की सहमति दी गई।
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