कृषि मंत्री के बयान को चैंबर ने किया खारिज
बाजार शुल्क को लेकर कृषि मंत्री के बयान का चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने खंडन करते हुए कहा कि कृषि राज्य का विषय है। कृषि मंत्री द्वारा जिस टैक्स की बात कही जा रही है यह पूर्णतः राज्य सरकार के अधीन है। इस टैक्स को लगाने के लिए केंद्र सरकार की बाध्यता की कृषि मंत्री के बयान को फेडरेशन चैंबर सिरे से खारिज करता है। शुल्क को शून्य रखने का प्रावधान इस विधेयक में है किंतु इस बयान में कृषि मंत्री तथ्यों को छुपा रहे हैं। हमने भी केंद्र के नियमों का अध्ययन किया है जहां स्पष्ट है कि केंद्र सरकार द्वारा टैक्स लगाने की कोई बाध्यता नहीं है। कुछ अधिकारियों के कहने से इस शुल्क को लेकर कृषि मंत्री द्वारा केंद्र सरकार के प्रति ही नहीं बल्कि राज्य सरकार के प्रति भी भ्रामक स्थिति उत्पन्न की जा रही है जो राज्यहित में नहीं है।
ऑनलाइन समीक्षा बैठक हुई
झारखंड चैंबर द्वारा पूरे राज्य में की गई बंद की समीक्षा के लिए सभी जिला चेंबर, खाद्यान्न व्यवसायी संघ और फूड प्रोसेसिंग संचालकों के साथ ऑनलाइन समीक्षात्मक बैठक की गई। जिसमें आगे की रणनीतियों पर वार्ता हुई। रांची चैंबर पंडरा के अध्यक्ष संजय माहुरी ने कहा कि खाद्यान्न व्यापारियों की एकजुटता से केवल एक दिन का व्यवसाय बंद रहने से सरकार को भी करोड़ों रुपए राजस्व की हानि हुई है। सरकार से आग्रह है कि सरकार व्यापारियों की मनःस्थिति को समझे और अविलंब कृषि शुल्क संबंधित विधेयक को वापस ले।
कानून वापस लिए जाने तक होगा आंदोलन
विधेयक के विरोध में जगह जगह व्यापारियों ने रैली निकाली। प्रदर्शन किया। झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन ने बताया कि हम चाहते हैं कि सरकार इस पर वार्ता कर कोई समाधान निकाले। लेकिन इस मामले में सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई है। जबकि, हम राज्यपाल से भी इस संबंध में मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब तक इस कानून को वापस नहीं ले लिया जाता हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
हमारे वाट्सअप ग्रुप से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: https://chat.whatsapp.com/EUEWO6nPYbgCd9cmfjHjxT