द फॉलोअप डेस्क, रांची:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एससी-एसटी थाने में ईडी के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। अब इस एफआईआर पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सवाल उठाये हैं। दरअसल, एफआईआर में मुख्यमंत्री ने खुद को साहिबगंज का विधायक बताया है। बता दें कि मुख्यमंत्री संताल परगना के साहिबगंज जिला अंतर्गत बरहेट विधानसभा से विधायक हैं। निशिकांत दुबे ने इसी आधार पर कहा कि "मुख्यमंत्री को यह भी नहीं पता कि आप बरहेट विधानसभा के विधायक हैं। साहिबगंज नाम का कोई भी विधानसभा झारखंड में नहीं है"।
निशिकांत दुबे ने कहा कि कहीं किसी झूठे व्यक्ति ने झूठा केस तो प्रवर्तन निदेशालय के खिलाफ दर्ज नहीं करा दिया है। निशिकांत दुबे ने महाधिवक्ता पर भी तंज किया है।
मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी आपको यह भी नहीं पता कि आप बरहेट विधानसभा के विधायक हैं,साहिबगंज नाम का कोई भी विधानसभा झारखंड में नहीं है । झूठा केस,झूठ के व्यक्ति ने तो @dir_ed पर नहीं कर दिया । यह महाधिवक्ता आपको चौपट कर दिया pic.twitter.com/iKpZ8fVhWg
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) January 31, 2024
मुख्यमंत्री ने इन अधिकारियों को किया है नामजद
बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन ने एससी-एसटी थाने में रांची स्थित ईडी के जोनल ऑफिस में पदस्थापित ज्वॉइंट डायरेक्टर देवव्रत झा, अधिकारी अनुपम कुमार और अमन पटेल सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है। हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया है कि 29 और 30 जनवरी को उनको जानकारी दिए बिना उनके दिल्ली के शांति निकेतन स्थित आवासीय कार्यालय और झारखंड भवन में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि उनकी छवि धूमिल करने और अपमानित करने की दुर्भावना के तहत अधिकारियों द्वारा ही प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उनके ट्रेसलेस होने की खबरें प्लांट की गई। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि यह मुझे और मेरे समुदाय को बदनाम करने की साजिश थी।
मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया है कि मेरे आवासीय कार्यालय से जिन 36 लाख रुपये नकदी की बरामदगी की बात कही जा रही है, उससे मेरा कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि बरामद बीएमडब्ल्यू कार के मालिक भी वह नहीं हैं।
बाबूलाल मरांडी ने भी एफआईआर पर उठाये सवाल
गौरतलब है कि हेमंत सोरेन की एफआईआर पर बाबूलाल मरांडी ने भी निशाना साधा है। उन्होंने ट्विटर (एक्स) पर लिखा है कि हेमंत सोरेन ने ईडी के अधिकारियों पर एससी-एसटी एक्ट के तहत एससी-एसटी थाने में खुद ही मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी एक्ट का इससे बड़ा दुरुपयोग और मजाक दूसरा कोई उदाहरण नहीं हो सकता।