द फॉलोअप डेस्क
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए जमानत पर हैं। जिससे हेमंत सोरेन की उम्मीदें बढ़ी हैं। हालांकि अबतक उन्हें राहत नहीं मिली है। ऐसे में कई तरह के सवाल सामने आ रहे हैं। आखिर जब केजरीवाल को बेल मिल सकती है तो हेमंत सोरेन के मामले में पेंच कहा फंस रहा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की ओर से बताया गया कि केजरीवाल के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला जल्दी सुनाया था। जिससे उनका रास्ता साफ हो गया। वहीं हेमंत सोरेन के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने फैसला सुनाने में देरी की।
2 महीने तक हाईकोर्ट ने रुका रहा हेमंत का मामला
बता दें कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी 31 जनवरी को हुई। वहीं केजरीवाल को हिरासत में 21 मार्च को ईडी ने लिया था। दोनों ने उसके तुरंत बाद जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट को दरवाजा खटखटाया लेकिन शीर्ष अदालत ने दोनों को पहले हाईकोर्ट में जाने को कहा। हेमंत ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। इसके बाद 28 फरवरी को मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। करीब 2 महीने तक हाईकोर्ट ने मामला रोके रखा। इसके बाद 24 अप्रैल को हेमंत सोरेन की ओर देरी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की गई। जैसे ही हेमंत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया। इधर हाईकोर्ट ने याचिका पारित किया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
सुप्रीम कोर्ट में 2 बार हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोरेन की याचिका पर 2 बार सुनवाई हुई है। पहले तारीख (13 मई) को कोर्ट ने ईडी से जवाब दाखिल करने को कहा। इसके बाद मामले की सुनवाई 17 मई को निर्धारित की। 17 मई को ईडी ने जवाब दाखिल नहीं जिसके बाद मामले की सुनवाई अब 21 मई को होगी। बता दें कि न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा है कि हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई करना संभव नहीं है। 21 मई को अवकाश पीठ के समक्ष सुनवाई तय की गई है।