द फॉलोअप डेस्क
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय खन्ना की बेंच ने झारखंड हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें त्योहारों के दौरान बिजली काटने पर रोक लगाने की बात कही गई थी। शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) के एमडी को यह निर्देश दिया कि वह यह अंडरटेकिंग दें कि बिजली केवल कम समय के लिए काटी जाएगी, और अस्पतालों तथा अन्य जरूरी सेवाओं वाली संस्थाओं को बिजली की आपूर्ति निरंतर दी जाएगी। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई आठ अप्रैल को निर्धारित की है।
क्या था झारखंड हाईकोर्ट का आदेश?
गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट ने रांची में त्योहारों के दौरान जुलूसों के कारण होने वाली बिजली कटौती पर स्वत: संज्ञान लिया था। अदालत ने राज्य सरकार और बिजली विभाग से पूछा था कि किस नियम के तहत जुलूसों के कारण दस- दस घंटे बिजली काटी जा रही है, जबकि इसके कारण आम लोगों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ता है।
त्योहारों के दौरान बिजली कटौती का कारण
सरहुल और रामनवमी के दिनों में शोभायात्रा और जुलूसों के दौरान सुरक्षा कारणों से बिजली काट दी जाती है। जुलूस समाप्त होने के बाद बिजली की आपूर्ति फिर से शुरू कर दी जाती है। एक अप्रैल को सरहुल की शोभायात्रा के लिए दस घंटे से अधिक समय तक बिजली काटी गई थी, जबकि छह अप्रैल को रामनवमी जुलूस के दौरान भी बिजली काटने की घोषणा की गई थी।
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी
झारखंड राज्य सरकार ने झारखंड हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। राज्य सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस मामले में बहस की।