रांची
रांची के कांके थाना क्षेत्र में बीते 26 जुलाई को भाजपा नेता अनिल उर्फ टाइगर महतो की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली गई है। डीआईजी और एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा के निर्देश पर गठित स्पेशल टीम ने मामले में बड़ा खुलासा किया है। पुलिस जांच में पता चला है कि किशोरगंज, बड़ा लाल स्ट्रीट के निवासी देवव्रत नाथ शाहदेव ने जमीन विवाद के चलते टाइगर अनिल की हत्या की सुपारी दी थी। हत्या की योजना को अंजाम देने के लिए कोलकाता में बैठकर प्लानिंग की गई और इसके लिए दो लाख रुपये की सुपारी दी गई थी।
7 लोगों की संलिप्तता, 4 की गिरफ्तारी
इस साजिश में कुल सात लोगों की भूमिका सामने आई है—देवव्रत नाथ शाहदेव, अभिषेक सिन्हा, रोहित वर्मा, अमन सिंह, जिशान अख्तर, मनीष चौरसिया और अजय कुमार रजक। इनमें से अमन सिंह, मनीष चौरसिया, जिशान अख्तर और अजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी आरोपियों की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
टाइगर अनिल और गांव के अन्य स्थानीय लोग गागी खटंगा गांव की करीब 10 एकड़ जमीन पर देवव्रत के कब्जे का विरोध कर रहे थे। पुलिस के अनुसार, अगस्त 2023 में देवव्रत ने जबरन दीवार खड़ी कर जमीन कब्जाने की कोशिश की थी, जिसका अनिल टाइगर ने ग्रामीणों के साथ मिलकर विरोध किया था। इसके जवाब में देवव्रत ने कांके थाने में अनिल टाइगर समेत आठ लोगों और 40-50 अज्ञात ग्रामीणों पर मारपीट, तोड़फोड़ और रंगदारी मांगने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
सुलह बैठक में पिस्टल तक तान दी गई
दिसंबर 2023 में हरमू निवासी विनोद पासवान के घर दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने की कोशिश हुई थी। अनिल ने 10 डिसमिल ज़मीन की दर 50 हजार रुपए प्रति डिसमिल लगाते हुए कुल 4.5 करोड़ रुपये की मांग रखी, ताकि स्थानीय लोग विरोध ना करें। लेकिन बातचीत में सहमति नहीं बनी और कहासुनी के दौरान देवव्रत ने पिस्टल तान दी। इसके बाद बातचीत टूट गई। देवव्रत नाथ शाहदेव ने उस जमीन पर सांसद मद से एप्रोच रोड बनाने की योजना बनाई थी। शिलान्यास का कार्यक्रम तय था, लेकिन टाइगर अनिल ने सांसद को उस जमीन के विवाद के बारे में बताया। विरोध के चलते सांसद ने कार्यक्रम रद्द कर दिया और लौट गए।
विरोध ही बना वजह हत्या का
देवव्रत को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा था—ना जमीन पर कब्जा हो सका, ना ही बिक्री संभव हुई। टाइगर अनिल इस पूरे मामले में उसकी राह का सबसे बड़ा रोड़ा बन गए थे। इसीलिए देवव्रत ने आखिरकार उन्हें रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली। सुपारी किलर अभिषेक सिन्हा को हत्या की जिम्मेदारी दी गई और योजना को अंजाम दिया गया।