द फॉलोअप डेस्क
पूर्व सीएम हेमंत सोरेन चाचा राजाराम सोरेन के श्राद्धकर्म में शामिल होंगे। झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें इजाजत दे दी है। हालांकि, हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन को कुछ शर्तों के साथ इजाजत दी है। बता दें कि 27 अप्रैल को हेमंत सोरेन के बड़े चाचा की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। चाचा के दाह संस्कार से लेकर पूरे क्रिया क्रम के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 27 अप्रैल को ही हेमंत सोरेन ने 13 दिन की अग्रिम जमानत की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था। लेकिन अब कोर्ट ने उन्हें 6 मई को पुलिस कस्टडी में जाने की अनुमति दी है।
क्या है हाईकोर्ट के शर्त
हाईकोर्ट ने कहा है कि परिजनों के अंतिम संस्कार में शामिल होना व्यक्ति का अधिकार है। हेमंत सोरेन श्राद्धकर्म में हिस्सा ले सकेंगे, लेकिन इस दौरान मीडिया से दूर रहेंगे। हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि अदालत ने प्रोविजनल बेल संबंधी याचिका को खारिज करने के साथ ही 6 मई को पुलिस कस्टडी में हेमंत सोरेन को चाचा के श्राद्ध कर्म में शामिल होने की अनुमति दी है। लेकिन इस दौरान उनके मीडिया से बातचीत और किसी राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल होने पर रोक लगाई गई है। हालांकि अब यह पूरी तरह से हेमंत सोरेन पर है कि वह चाचा से श्राद्धकर्म में शामिल होंगे या नहीं।
गोला में रहकर एनजीओ चलाते थे राजाराम सोरेन
बता दें कि राजाराम सोरेन लंबे समय से गोला के डाक बंगला में रहकर एनजीओ चलाते थे। कुछ वर्ष पहले जब वे बीमार पड़े तो उनकी पुत्री उन्हें अपने साथ रांची ले गई। जहां उनका इलाज चल रहा था। 27 अप्रैल को नेमरा में धार्मिक रीति रिवाज के बाद राजाराम सोरेन की अंतिम यात्रा निकाली गई थी। इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो गया, घर के कुछ ही दूरी पर स्थित मुक्तिधाम में उन्हें पंचतत्व में विलीन कर दिया गया। मुखाग्नि स्वर्गीय लालू सोरेन के पुत्र दयानन्द सोरेन ने दी।