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प्रधानमंत्री कहते हैं हर खाते में 15 लाख आएंगे, आज तक किसी अकाउंट में आया क्याः हेमंत सोरेन

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द फॉलोअप डेस्कः
आज रांची के खेलगांव इनडोर स्टेडियम में कल्याण विभाग की ओर से आयोजित मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशिय छात्रवृति के छात्रों को सरकारी सहयोग देने और विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास उद्धाटन कार्यक्रम रखा गया था। इस दौरान सीएम हेमंत ने सभा को संबोधित किया और कहा कि गरीबों को कोई भी चीज आसानी से नहीं मिलती है। उसके लिए जो नीति निर्धारण होते हैं वो बड़ी ही विचित्र होती है। योजना तो बन जाती है लेकिन उसका लाभ नहीं मिल पाता है। सरकार कुछ कहती है और होता कुछ है। इसलिए हमलोगों ने अब कार्ययोजना का ही रूप ऐसा बनाया कि सीधे आपको इसका लाभ मिले। इसलिए मैं बार बार कहता हूं कि ये सरकार रांची हेडक्वार्टर से चलने वाली सरकार नहीं है। 

अब अधिकारी आपके पास आते हैं
उन्होंने आगे कहा कि पहले बीडीओ की खोज में हफ्ता बीत जाता था। अब समय बदल रहा है। अब आपको बीडीओ, सीओ के पास जाने की जरूरत नहीं है। अब वो लोग आपके पास आएंगे। उनको तनख्वाह क्यों मिलता है। आपकी सेवा करने के लिए मिलता है। राज्य अलग होने से पहले और बाद में हमारे विपक्ष ने पदाधिकारियों की चमड़ी मोटी कर दी। इससे ये लोग हिलने के लिए तैयार नहीं होता है। लेकिन याद किजिए सरकार बनने के बाद की चुनौतियां आई। दो साल तो कोरोना ही खा गया। जब जीवन सामान्य होने लगा तो आपके गांव-गांव, पंचायत-पंचायत में पंडाल लगाकर आपकी समस्या का कर्माचारियों ने निदान किया। आज गांव पंचायत टोला में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से हमें गांव की असली खबर आने लगी। 


मंईयां सम्मान के लिए किसी को भटकना नहीं पड़ा
मंईयां सम्मान योजना के लिए किसी को नहीं भटकना पड़ा है। कहीं दौड़ नहीं लगाना पड़ा। कुछ दलाल जो वर्षों से राक्षस की तरह खड़ा है वह हर जगह अपना रास्ता खोज लेता है। 50- 100 ठगने का काम करता है। अब कानून ऐसा बना है कि दलाल के पास जाने की जरूरत नहीं है। बूढ़ा बुजुर्ग 50 साल को हो गया तो आप अपना आधार कार्ड लेकर खड़े हो जाइए। बीडीओ का कर्तव्य है कि बिना सवाल जवाब के वह आपको पेंशन योजना से जोड़े। 


देश का पहला राज्य जो बच्चों के पढ़ने विदेश भेज रहा
आज 18 साल से 50 साल की जो भी महिला होगी सबको सम्मान मिलेगा। महिलाओं को जो हम सम्मान दे रहे हैं उसको रोकने के लिए ये लोग कोर्ट चला गया है। इस राज्य को हम कोई भी अधिकार देने की कोशिश करते हैं तो ये लोग कोर्ट चला जाता है। यहां का स्थानीय नीति बनाए तो कोर्ट चले जाते हैं। मंईयां सम्मान दे रहे हैं तो कोर्ट चले गये। बच्चों को नौकरी के लिए एग्जाम दिलाओ तो कोर्ट चले जाते हैं। ये सब काम आपने राज्य में करता है तो सब ठीक रहता है उस वक्त कोई कोर्ट नहीं जाता है। आज यहां विदेशों में पढ़ने जाने वाले बच्चों को बुलाया गया है। यही लोग बताएं कि देश में ऐसा कौन सा राज्य है कि जहां ये योजना चल रही है। कहीं चल भी रहा होगा तो देश में यह पहला राज्य है जिसने ये कार्यक्रम शुरू किया है। 

प्रधानमंत्री ने कहा था हर खाते में 15 लाख आएंगे
सीएम हेमंत ने अपने भाषण के दौरान कहा कि "हमारा यह कार्यकाल दो साल का ही रहा। अभी बहुत काम करने की आवश्यकता है। आज हमने हजार रुपये खाता में पहुंचाने का प्रयास किया तो इनलोगों को सांप सूंघ गया है। अब तो दूसरा किस्त भी पहुंच गया है। हमारे प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि विदेशों से काला धन लाएंगे और हर एक के खाते में 15 लाख देंगे। आज तक किसी की पास आया। यहां कहां कहां से नेता आ गये हैं पहचानना मुश्किल हो गया है। कई नेता तो अपना राज्य छोड़कर आ गये हैं। उनके राज्य में बाढ़ आ गया है राज्य डूब गया है लेकिन अपना राज्य छोड़कर यहां नेतागिरी करने आया है। अपना घर तो संभल नहीं रहा और दूसरे जगह चले हैं अपनी पीठ थपथपाने। इनके पास बूढ़ा-बुजुर्ग को देने के लिए पैसा नहीं है, किसानों को देने के लिए नहीं है। लेकिन इनके पास व्यापारियों का अरबों-अरब रूपया माफ करने के लिए पैसा है। हमारे आपके टैक्स के पैसे व्यापारियों के तिजोरी में भरा जा रहा है।" अभी इतना नेता गिद्ध की तरह मंडरा रहा है। जब जनता नकार रखी है तब उस राज्य की सरकार को ही खरीद लो। इतना पैसा इनके पास है। महाराष्ट में ही देख लीजिए। जनता तो उनको नकार चुकी थी। लेकिन सरकार को खरीद के सत्ता में बैठ गया। पूरा महाराष्ट्र पानी में डूबा हुआ है। असम बाढ़ में डूबा हुआ है।